Jharkhand: टीकाकरण के लिए कई निजी अस्पताल तैयार, रखी वैक्सीन की मांग

Jharkhand News कोरोना टीकाकरण के लिए राज्य के कई अस्पतालों ने अपनी इच्छा जताई है। साथ ही टीकाकरण के लिए वैक्सीन की मासिक जरूरतें बताते हुए कंपनियों से वैक्सीन क्रय में राज्य सरकार से मदद की अपेक्षा की है।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 11:31 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 12:03 PM (IST)
Jharkhand: टीकाकरण के लिए कई निजी अस्पताल तैयार, रखी वैक्सीन की मांग
Jharkhand: टीकाकरण के लिए कई निजी अस्पताल तैयार, रखी वैक्सीन की मांग। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो। कोरोना टीकाकरण के लिए राज्य के कई अस्पतालों ने अपनी इच्छा जताई है। साथ ही टीकाकरण के लिए वैक्सीन की मासिक जरूरतें बताते हुए कंपनियों से वैक्सीन क्रय में राज्य सरकार से मदद की अपेक्षा की है। निजी अस्पतालों में कोरोना टीकाकरण को बढ़ावा देने को लेकर बुलाई गई बैठक में कई अस्पतालों ने प्रतिमाह वैक्सीन की आवश्यकता से अवगत कराया।

इसके तहत रांची रेडक्रास ने प्रतिमाह 15 हजार कोविशील्ड तथा पांच हजार डोज कोवैक्सीन की आवश्यकता बताई है। इसी तरह, मेडिका ने प्रतिमाह दस हजार डोज कोविशील्ड की आवश्यकता से राज्य सरकार को अवगत कराया है। वहीं, मेडिट्रिना अस्पताल ने प्रतिमाह तीन हजार, लाइफ केयर अस्पताल, हजारीबाग ने दो हजार, रानी अस्पताल, रांची ने तीन हजार कोविशील्ड की आवश्यकता बताई है।

वहीं, बोकारो के केएमएम अस्पताल ने प्रतिमाह एक हजार डोज कोवैक्सीन की मांग रखी है। इधर, हेल्थ केयर एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश गंभीर ने कई अन्य अस्पतालों की वैक्सीन की आवश्यकता से राज्य सरकार को अवगत कराया है। बताते चलें कि राज्य सरकार ने भी वैक्सीन उपलब्ध कराने में निजी अस्पतालों को आवश्यक मदद पहुंचाने का निर्णय लिया है। इसे लेकर सभी सिविल सर्जनों को निजी अस्पतालों से समन्वय कर उनके द्वारा वैक्सीन की मांग लेने को कहा है।

नारी निकेतन को फंड देने के मामले में मांगा जवाब

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने नारी निकेतन कांके को फंड देने के मामले में राज्य सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया है। खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि नारी निकेतन के कर्मियों का वेतन किस कारण से कम कर दिया गया है। इसकी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए एक जुलाई की तिथि निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से बताया गया कि सरकार ने बजट प्रावधान से कम राशि का आवंटन किया है। संस्था के कर्मियों के वेतन को भी कम कर दिया गया है। इसके लिए कोई कारण नहीं बताया गया है। प्रार्थी ने नारी निकेतन कांके की ओर से याचिका दायर कर बकाया राशि के भुगतान की मांग की गई है।

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