Makar Sankranti: मकर संक्रांति पर आकाश में उड़ेगा मोदी पतंग, हेमंत सोरेन-स्पाइडर मैन भी रेस में
Makar Sankranti Kite Festival 2021 रांची के पतंग बाजार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम वाली पतंग की बिक्री हो रही है। इसका बच्चों और युवाओं के बीच खास क्रेज दिख रहा है। इसके साथ ही हेमंत सोरेन व स्पाइडर मैन के नाम की पतंग की भी मांग बहुत है।
रांची, जासं। राजधानी रांची का बाजार मकर संक्रांति के लिए सजकर तैयार हो गया है। जगह-जगह तिलकुट, तिल और गुड़ के लड्डू और नए धान का चूड़ा मिल रहा है। लेकिन संक्रांति का त्योहार पतंगबाजी के बिना अधूरा है। रांची में भी बच्चों से लेकर युवा तक जमकर पतंगबाजी करते हैं। यह सिलसिला सुबह से शुरू होकर देर शाम तक चलता है। इसको लेकर बाजार में तरह-तरह की पतंग मंगाई गई है। सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम वाली पतंग की बिक्री हो रही है। इस पतंग में उनकी अलग-अलग स्टाइल में फोटो लगी हुई है। बच्चों और युवाओं के बीच नरेंद्र मोदी के नाम के पतंग का खास क्रेज दिख रहा है। इसके साथ ही हरे रंग की हेमंत सोरेन के नाम की पतंग और स्पाइडर मैन पतंग की भी मांग बहुत है। बाजार में मोटू-पतलू, शिवा, रूद्रा, सहित अन्य कार्टून कैरेक्टर के नाम से भी पतंग हैं।
फिल्मी डायलॉग वाले पतंग
इस वर्ष रांची में फिल्मी डायलॉग औऱ फिल्म के नाम लिखे पतंग का भी काफी क्रेज है। इस पतंग पर गाने की लाइन, हीरो-हीरोइन के नाम, फनी डायलॉग, कंपनी या संस्थान के नाम भी लिखे हुए हैं। हट जा पाछे, सडा हक, भाई तेरा चेतक पर चले, अपना टाइम आएगा, और पंजाबी रैपर के रैप लिखे पतंग भी युवाओं के द्वारा पसंद किए जा रहे हैं। मेन रोड स्थित एकरा मस्जिद के पास पतंग बेच रहे अनीश बताते हैं कि पतंग में हर साल कपड़ों की तरह फैशन और ट्रेंड बदलता है। मगर मोदी पतंग पिछले कई वर्ष से नंबर एक पर है। इस पतंग की साइज भी थोड़ी बड़ी है।
रांची में कोलकाता से आ रहा पतंग
पतंग के व्यापारी बताते हैं कि रांची के हिंदपीढ़ी में पहले पतंग बनाने का काम होता था। मगर कुछ वर्ष पहले उन्होंने यह काम छोड़ दिया। एक दो हैं जो स्थानीय स्तर पर थोड़े पतंग बनाते हैं। इसके अलावा रांची में पतंग की बड़ी खेप कोलकाता के बाजार से मंगाई जाती है। इसके साथ ही थोड़े बहुत पतंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से भी मंगाई जाती है। इसके बाद रांची से पतंग हजारीबाग, चतरा, गुमला, लोहरदगा, रामगढ़, सिल्ली, नामकुम, रातू, कांके, बुंडू, तमाड़ सहित अन्य बाजारों में सप्लाई की जाती है।
शहर से गायब है चाइनीज मांझा
चाइनीज मांझा की धार काफी तेज होती है। यह कई बार दुर्घटना का कारण भी बनती है। मगर सरकारी रोक के बाद अब बाजार में चाइनीज मांझा न के बराबर है। दरअसल लोग खुद इस मांझा को खरीदना पसंद नहीं कर रहे हैं। मेन रोड में मांझा विक्रेता नवनीत बताते हैं कि चाइनीज धागा नहीं आ रहा है। वर्तमान में जो धागा है, वह कोलकाता का है। कोलकाता का धागा चाइनीज धागे से बेहतर और सस्ता है। कोलकाता का धागा बाजार में एक रुपये ग्राम बिक रहा है।
पतंगबाजी के समय बरतें सावधानी
1) ऊंचाई से न उड़ाएं पतंगः बच्चों को घर की ऊंची छत से पतंग उड़ाने के लिए मना किया जाता है। इसमें ऊंचे स्थान से पैर फिसलने की संभावना रहती है। बड़ों को इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है।
2) तेज मांझा से बनाएं दूरीः ज्यादा तेज मांझा से गर्दन कटने की भी बात सामने आती है। ऐसे में पतंग का यह खेल आपके लिए हादसा बन सकता है। इसके साथ ही आसमान में उड़ने वाले पक्षी भी कई बार तेज मांझे से घायल हो जाते हैं।
3) बिजली के खंभों से रहें दूरः कई बार लोग पतंग उड़ाते हुए उत्साह में बिजली के खंभे के पास चले जाते हैं। बिजली के तार में मांझा के उलझ जाने से हादसे को आमंत्रण मिल जाता है। इसलिए इनसे दूरी बनाकर ही रखें।
4) मुख्य सड़क से रहें दूरः पतंग उड़ाते वक्त व्यक्ति की नजर ऊपर आसमान में होती है। इसलिए वह सड़क पर आने-जाने वाली गाड़ियों को देख नहीं पाता है। ऐसे में बच्चे या बड़े हादसे का शिकार हो सकते हैं।