लॉकडाउन ने खोले संभावनाओं के नए द्वार
रांची यूं तो कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न संकट हम सबके लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन कर आया। समस्
रांची : यूं तो कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न संकट हम सबके लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन कर आया। समस्या के समाधान के लिए सरकार ने लॉकडाउन का विकल्प दिया। अब इस पर बहस हो रही है कि लॉकडाउन का फैसला आखिर कितना फायदेमंद रहा। इस नकारात्मक माहौल में भी बहुत कुछ सकारात्मक हुआ। कई सरकारी विभागों ने जहा नई कार्य प्रणाली विकसित कर ली वहीं कई ने लंबे समय से प्रस्तावित योजनाओं पर काम पूरा कर लिया। कई ने नई योजनाओं का खाका तैयार कर लिया। हम आपको बताते हैं कहा क्या नया हुआ।
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शवदाह गृह का परीक्षण आज, रिम्स से मिलेगी लावारिस लाश
जागरण संवाददाता, राची : शुक्रवार को हरमू मुक्ति धाम हरमू स्थित शवदाह गृह का परीक्षण होगा। सहायक लोक स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ. किरण कुमारी ने बताया कि रिम्स से लावारिस लाश उपलब्ध कराने पर सहमति प्रदान कर दी है। शुक्रवार को 11:30 से 12 बजे के बीच लावारिस लाश मिलते ही शवदाह गृह के बìनग यूनिट में एलपीजी गैस से शव को जलाने की टेस्टिंग शुरू की जाएगी। टेस्टिंग प्रक्रिया सफल होने के बाद जल्द ही बैठक कर शवदाह गृह की सुविधा आम लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी। इधर, गुरुवार को अपराह्न में सहायक लोक स्वास्थ्य पदाधिकारी ने शवदाह गृह का निरीक्षण भी किया।
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मारवाड़ी सहायक समिति करेगा शवदाह गृह का संचालन
मुक्ति धाम के समीप स्थित शवदाह गृह का संचालन मारवाड़ी सहायक समिति के माध्यम से किया जाएगा। समिति के माध्यम से न सिर्फ शवदाह गृह का जीर्णोद्धार कराया गया, बल्कि दिल्ली की कंपनी ऊर्जा गैसी फायर के माध्यम से बìनग यूनिट मशीन में छह इंपोर्टेड क्वालिटी के बर्नर भी लगवाए गए हैं। कंपनी के इंजीनियर के अनुसार प्रत्येक शव को जलाने में 20 किलोग्राम एलपीजी गैस की खपत होगी। मशीन के हीटिंग इलेक्ट्रिकल क्वायल को भी बदल दिया गया है। पहले शव को जलाने के लिए 650 किलोवाट बिजली की जरूरत पड़ती थी, लेकिन अब शव को जलाने में मात्र सात किलोवाट बिजली की खपत होगी। हालाकि मारवाड़ी सहायक समिति की ओर से शव को जलाने के लिए एलपीजी गैस सिस्टम की तैयारी की गई है। शवदाह गृह में दो यूनिट मशीन के लिए कुल 10 एलपीजी गैस सिलेंडर की व्यवस्था की गई है। शवदाह गृह के अंदर व बाहर रंग-रोगन समेत फिनिशिग का कार्य पुरा हो चुका है। हरमू नदी के समीप टूटी चारदीवारी का भी निर्माण पूरा हो चुका है।