Jharkhand Lockdown: 13 मई तक लॉकडाउन, लेकिन 31 मई तक सख्ती... पढ़ें सरकारी आदेश
Jharkhand Lockdown झारखंड में लॉकडाउन 13 मई तक बढ़ाया गया है। सभी दुकानें (अनिवार्य सेवाओं को छोड़कर) दोपहर दो बजे तक ही खुलेंगी। राज्य सरकार के अधीन संचालित सभी दफ्तर अब दोपहर दो बजे के बजाय पूरे दिन चलेंगे। लेकिन प्रवासियों पर 31 मई तक सख्ती जारी रहेगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Lockdown झारखंड में लॉकडाउन 13 मई तक बढ़ाया गया है। सभी दुकानें (अनिवार्य सेवाओं को छोड़कर) पहले की तरह दोपहर दो बजे तक ही खुलेंगी। जबकि राज्य सरकार के अधीन संचालित सभी दफ्तर अब दोपहर दो बजे के बजाय पूरे दिन चलेंगे। लेकिन दूसरे राज्यों से झारखंड में आने वाले लोगों और प्रवासी श्रमिकों पर 31 मई तक सख्ती जारी रहेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मौजूदा पाबंदियों के साथ झारखंड में लॉकडाउन (स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह) को फिर एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है।
झारखंड में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को आपदा प्रबंधन की उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया। अब 13 मई की सबुह छह बजे या अगले एक सप्ताह तक जस के तस रहेंगे, पहले से लागू बंदिशें जारी रहेंगी। अबकी बार वन विभाग को बरसात के पूर्व पौधरोपण की तैयारियां करने को लेकर खास छूट मिली है। इससे पहले हेमंत सरकार ने झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह 22 अप्रैल सुबह छह बजे से 29 अप्रैल सुबह छह बजे तक लगाया था, बाद में और सख्ती बरतते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को छह मई तक के लिए बढ़ा दिया गया था।
प्रवासी मजदूरों को कोरोना जांच कराना अनिवार्य, नहीं जा सकेंगे अपने गांव
कोरोना वायरस संक्रमण पर नियंत्रण के लिए झारखंड सरकार ने 31 मई तक कड़ी पाबंदियां लागू की हैं। इसके तहत दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को सरकार की जानकारी में संस्थागत क्वारंटाइन में कम से कम एक हफ्ते तक रहना होगा। गांवों में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण रोकने को कड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने कहा है कि बाहर से आनेवालों का रैपिड एंटिजेन टेस्ट अनिवार्य तौर पर कराया जाएगा। कोरोना संक्रमित मिलने पर उनका पूरा इलाज होगा। अगर वे कोरोना संक्रमित नहीं मिलते हैं तो उन्हें सात दिनों के क्वारंटाइन में रखकर जांच के बाद उनके गांव भेज दिया जाएगा।
राज्य सरकार की उच्च स्तरीय समिति ने सभी उपायुक्तों को जारी आदेश में कहा है कि अब दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों का हर हाल में रैपिड एंटिजेन टेस्ट (रैट) कराएं। कोरोना जांच में पॉजिटिव मिलने पर उस प्रवासी का सरकार की देखरेख में इलाज कराया जाएगा। प्रवासियों के निगेटिव मिलने पर भी कम से कम सात दिनों तक संस्थागत क्वारंटाइन में रहना होगा।
बहरहाल, सरकार के नए नियम से जो प्रवासी मजदूर अपने राज्य में वापस आ रहे हैं, उनकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी। ऐसे मजदूरों की सात दिनों तक क्वारंटाइन में रहने के बाद कोरोना जांच में निगेटिव आने पर ही उन्हें उनके घर जाने दिया जाएगा। जांच में पॉजिटिव आने पर श्रमिकों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
गृह मंत्रालय की ओर से बीते 29 अप्रैल को जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए 31 मई तक दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों पर सख्ती बरतें। इसमें प्रवासी मजदूरों से गांवों में वायरस के फैलने का जिक्र किया गया है और उस पर नियंत्रण के सुझाव दिए गए हैं। बुधवार को झारखंड सरकार की हाई लेवल कमेटी ने केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस के बारे में सभी 24 जिलों के उपायुक्तों को इसे पालन कराने का निर्देश दिया है।