Lockdown Extension: लॉकडाउन बढ़ाने पर 12 अप्रैल को बड़ा फैसला, सरकार करेगी अहम बैठक

वित्त मंत्री सह झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा है कि लॉक डाउन खत्म करने अथवा बढ़ाने पर 11 या 12 अप्रैल को मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बैठक कर निर्णय लिया जाएगा।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Wed, 08 Apr 2020 08:17 PM (IST) Updated:Sat, 11 Apr 2020 05:24 PM (IST)
Lockdown Extension: लॉकडाउन बढ़ाने पर 12 अप्रैल को बड़ा फैसला, सरकार करेगी अहम बैठक
Lockdown Extension: लॉकडाउन बढ़ाने पर 12 अप्रैल को बड़ा फैसला, सरकार करेगी अहम बैठक

रांची, राज्य ब्यूरो। Lockdown Extension झारखंड के वित्त मंत्री सह झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा है कि लॉक डाउन की अवधि खत्म करने अथवा बढ़ाने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है लेकिन 11 या 12 अप्रैल को मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बैठक कर इस पर निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने बुधवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में दिन भर लोगों की परेशानियों की जानकारी ली और सरकारी अधिकारियों से लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं तक को निराकरण के लिए आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस राहत एवं निगरानी समिति (कोविड-19) के समन्वयक रोशन लाल भाटिया, सदस्य प्रदीप तुलस्यान, प्रवक्ता आलोक दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं राजेश गुप्ता समेत कई नेता मौजूद थे।

बुधवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए रामेश्वर उरांव ने कहा कि प्रदेश में लॉक डाउन की अवधि समाप्त होने के बाद रोजगार सृजन एक बड़ी समस्या बनकर उभरेगी। अभी फसल तैयार है और किसानों को उचित मूल्य दिलाना जरूरी है। रोजगार खत्म होने के कारण मजदूरों के सामने संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इससे निपटने के लिए सरकार कारगर कदम उठाने की तैयारियों में जुट गई है। हमारी कोशिश होगी कि अर्थव्यवस्था को एक बार फिर पटरी पर लाया जा सके। 14 अप्रैल के बाद लॉक डाउन जारी रहेगा अथवा नहीं इस पर निर्णय का वक्त अभी आया नहीं है लेकिन 11-12 अप्रैल को सीएम के साथ बैठकर निर्णय ले लिया जाएगा। पार्टी के कार्यकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर दिन रात आम लोगों की मदद में जुटे हुए हैं।

प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने बताया कि मुख्यालय में बनाए गए कंट्रोल रूम में फोन पर जितनी भी सूचनाएं मिल रही है उन पर कार्रवाई की जा रही है। सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड से नवीन महतो को डीएसओ प्रियंका के माध्यम से मदद पहुंचाई गई है। डोरंडा से रमीज राजा, सूरत के राजकुमार और सिल्ली के राजा टोल निवासी शंकर विश्वकर्मा के साथ-साथ चंद्रपुरा के विशेश्वर महतो को अनाज उपलब्ध कराया गया है। देवीपुर के जिला परिषद सदस्य की शिकायत पर खाद्य आपूर्ति मंत्री ने एक राशन डीलर को को शो-काज किया है। इस दौरान पलामू जिले के पाटन प्रखंड के रहने वाले रहमत मियां को राशन उपलब्ध कराया गया।

आपदा पर राजनीति, कांग्रेस का केंद्र सरकार पर निशाना

कोरोना संकट से निपटने की तमाम कवायद के बीच राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि झारखंड सरकार के साथ-साथ उच्च न्यायालय भी कोरोना को लेकर काफी चिंतित नजर आ रही है। केंद्र सरकार को अविलंब राज्य के मदद  के लिए हाथ आगे बढ़ाना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा लगातार केंद्र सरकार से आग्रह किए जाने के बावजूद अब तक कोई विशेष पहल नहीं की गई है। राज्य के लिए केंद्र सरकार की उदासीनता समझ से परे है। बाबूलाल मरांडी जितना बयान राज्य सरकार की कार्यशैली के बारे में दे रहे हैं, उतनी सलाह केंद्र सरकार को दे देते तो निश्चित रूप से झारखंड को इस  विपदा की घड़ी में यह महसूस होता कि संकट के समय में सभी दल के नेता एक होकर कार्य कर रहे हैं।

बोले प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष, झारखंड की हो रही अनदेखी

राज्य सरकार की ओर से 25000 टेस्टिंग किट मांगी जाती है और केंद्र सरकार 500 किट भेजती है। यह मजाक नहीं तो और क्या है? केंद्र सरकार झारखंड की अनदेखी न करे और कोरोना से निपटने के लिए सारे संसाधन मुहैया कराये। आपदा के वक्त में राजनीतिक भेदभाव ठीक नहीं है। वीडियो कांफ्रेंसिंग में झारखंड के मुख्यमंत्री को समय नहीं देना, कोरोना से निपटने के लिए मांगने के बावजूद काफी कम संसाधन उपलब्ध कराने से यह प्रतीत हो रहा है कि गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार हो रहा है। केंद्र सरकार दूसरे देशों के लिए तो इतनी चिंतित है कि 24 घंटे के अंदर संकट की घड़ी में काम आने वाली दवा के निर्यात को हरी झंडी दिखा देती है और झारखंड सरकार की मांग पर या तो ध्यान नहीं देती है या दरकिनार कर देती हैं।

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