तुंबागुटू में पानी के लिए चापाकल पर लग रही लाइन

गर्मी का मौसम आते ही तुंबागुटू गांव में पानी को लेकर गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह समस्या एक साल की नहीं बल्कि हर साल की है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 08:00 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 08:00 AM (IST)
तुंबागुटू में पानी के लिए चापाकल पर लग रही लाइन
तुंबागुटू में पानी के लिए चापाकल पर लग रही लाइन

नामकुम : गर्मी का मौसम आते ही तुंबागुटू गांव में पानी को लेकर गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह समस्या एक साल की नहीं, बल्कि हर साल की है। गांव में सप्लाई पानी का कनेक्शन नहीं है। सभी लोग पेयजल के लिए चापाकल और कुएं पर ही निर्भर रहते हैं। गर्मी का मौसम आते ही गांव का जलस्तर नीचे चला जाता है। इस कारण चापाकल सूख जाते हैं और कुंओं में भी पानी नहीं रहता है। गर्मी के मौसम में लोगों को पानी के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। गांव का एक-दो चापाकल गर्मी में भी नहीं सूखता है। उन्हीं चापाकलों पर पूरा गांव पेयजल के लिए आश्रित रहता है। इस कारण सुबह से ही चापाकल में लोगों की भीड़ लगनी शुरू हो जाती है। घंटों इंतजार करने के बाद लोगों को पानी नसीब होता है। घर में पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए लोग सुबह पांच बजे से ही चापाकल पर पहुंच जाते हैं।

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फेल हो जाती है सोलर चलित जलापूर्ति

पूर्व की सरकार ने चापाकलों पर सोलर लगाकर जलापूर्ति योजना शुरू की थी। तुंबागुटू गांव में भी सोलर चलित जलापूर्ति योजना है। लाखों खर्च करने के बाद भी सोलर चलित जलापूर्ति योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। लाखों खर्च कर चापाकल का पाइप निकालकर सोलर सिस्टम वाले मोटर को जोड़ दिया था, अब जलस्तर नीचे जाने के बाद लोगों को ना चापाकल से पानी मिल रहा है और ना सोलर पंप से। तुंबागुटू गांव नामकुम प्रखंड मुख्यालय से मात्र पांच किलोमीटर दूरी पर स्थित है। प्रखंड मुख्यालय और राजधानी से सटे इस गांव में पाइपलाइन जलापूर्ति के लिए अबतक कनेक्शन नहीं दिया गया है।

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क्या कहते हैं ग्रामीण

गांव के फगुवा नायक बताते हैं कि इसके लिए कई बार गांव के प्रमुखों ने सरकार के बाबूओं से अनुरोध किया। लेकिन ग्रामीणों के आग्रह पर किसी प्रकार की सुध नहीं ली गई। ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी के मौसम में गांव में पानी की समस्या गंभीर हो जाती है, इसलिए गांव पानी कनेक्शन पहुंचाकर इस समस्या को दूर किया जाए। गांव में चारों ओर सड़क, बिजली की पूरी व्यवस्था है, लेकिन जिदगी जीने के लिए सबसे महत्वपूर्ण पानी की व्यवस्था अब तक नहीं मिल सका है। गांव के अमित बिहा ने बताया कि गर्मी के दिनों में सभी चापाकल सूख जाने के बाद लोगों को मजबूरन कुएं का गंदा पानी पीना पड़ता है। गांव के रोहित मुखियार ने बताया कि गांव में अधिकांश लोग मजदूरी व पत्ते का दोना बनाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। रोज कमाकर खाने वाले लोगों को अगर आधे दिन पानी की व्यवस्था करने में ही लग जाए तो वे जीवन-यापन कैसे करेंगे।

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कांके में पेयजलापूर्ति योजना फेल

संसू, कांके : पेयजल आपूर्ति के लिए यह बनी योजना फेल हो चुकी है। लाखों की लागत से 14वें वित्त की राशि से बनी जलमीनारें इस गर्मी में सफेद हाथी साबित हो रही हैं। इसका उदाहरण कांके प्रखंड के सुकुरहुटू उत्तरी पंचायत के तिलमाटाड़ में में देखने को मिला। यहां सोलर जलमीनार लगने के दो माह बाद ही खराब हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह जलमीनार पिछले छह माह से खराब पड़ी है। इस कारण ग्रामीणों के दो किलोमीटर तक चलने के बाद ही पानी नसीब हो रहा है। जलमीनार को बनवाने के लिए ग्रामीणों ने कई बार विभाग से गुहार लगाई, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। वहीं, पंचायत के मुखिया एवं पंसस सुनीता देवी ने कहा कि इसकी जानकारी प्रखंड कार्यालय एवं पेयजल विभाग को दे दी गई है। जल्द ही कार्य किया जाएगा। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने शीलवंत भट्ट ने कहा कि सूचना मिली है उसकी शीघ्र ही मरम्मत कराई जाएगी, लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

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