ऑक्‍सीजन लेवल घटने पर पेट के बल लेट जाएं, कोरोना से जंग जीतने के लिए हौसला बनाए रखें

Oxygen Level of COVID Patients Jharkhand News कोरोना से जंग जीत चुके रांची के उप नगर आयुक्त ने कहा कि हौसला सबसे बड़ी चीज है। संक्रमित होने पर घबराएं नहीं। पेट के बल लेट कर ऑक्सीजन का स्तर बनाए रखें।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 12:58 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 01:04 PM (IST)
ऑक्‍सीजन लेवल घटने पर पेट के बल लेट जाएं, कोरोना से जंग जीतने के लिए हौसला बनाए रखें
Oxygen Level of COVID Patients, Jharkhand News संक्रमित होने पर घबराएं नहीं।

रांची, जासं। Oxygen Level of COVID Patients, Jharkhand News रांची नगर निगम के उप नगर आयुक्त कोरोना से जंग जीतकर अपने घर पहुंच गए हैं। वह 15 दिनों तक पल्स हॉस्पिटल में रहे। इस दौरान उन्होंने अपना ऑक्सीजन स्तर बनाए रखा और डॉक्टरों द्वारा दी गई सलाह को मानते रहे। इसी के चलते उन्हें कोरोना से जंग में जीत नसीब हुई और निगेटिव होकर वह घर लौटे हैं। कुंवर सिंह पाहन बताते हैं कि जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उनकी स्थिति काफी खराब थी। उनके फेफड़ों में इंफेक्शन हो गया था। यह इंफेक्शन 30 फीसद तक पहुंच गया था।

वह काफी घबराए हुए थे। लेकिन पल्स अस्पताल के डॉक्टर अखिलेश झा ने उन्हें हौसला बनाए रखने के लिए कहा। कुंवर सिंह पाहन कहते हैं कि इसके बाद जो डॉक्टर अखिलेश झा बताते गए, वह मानते गए। जब उनका ऑक्सीजन स्तर घटने लगा तो उन्होंने यह बात डॉक्टर से बताई कि सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इसके बाद डॉ. अखिलेश झा ने उन्हें पेट के बल लेटने की हिदायत दी। उप नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन बताते हैं कि जब उन्होंने पेट के बल लेटना शुरू किया तो उनका ऑक्सीजन स्तर बढ़ने लगा और सांस लेने में जो दिक्कत आ रही थी, वह दूर होने लगी।

उन्होंने कहा कि पेट के बल लेटने का काफी फायदा मिला। कुंवर सिंह पाहन ने बताया कि उन्हें अस्पताल की तरफ से रोज खाने के बाद तरबूज और पपीता दिया जाता था। इन दोनों फलों की काफी कम मात्रा होती थी। लेकिन यह दोनों फल नियमित दिए जाते थे। इसके अलावा विटामिन सी भी दिया जाता था। डॉक्टर जो भी दवाएं देते थे, वह नियमित लेते रहे और अपना हौसला बनाए रखा। कुंवर सिंह बताते हैं कि कोरोना की इस महामारी में डॉक्‍टर जान की बाजी लगाकर लड़ रहे हैं। अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों को देख रहे हैं। उन तक पहुंच रहे हैं। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था भी बेहतर काम कर रही है। इसी का नतीजा है कि रोज सैकड़ों मरीज कोरोना से छुटकारा पाकर अपने घर लौट रहे हैं।

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