Lalu Yadav Bail Granted: लालू को मिली बेल, लेकिन झारखंड हाई कोर्ट ने लगाई ये शर्तें...

Lalu Yadav Bail Granted झारखंड हाई कोर्ट ने आधी सजा पूरी करने के आधार पर लालू प्रसाद यादव को जमानत प्रदान की है। इस दौरान उन्हें ₹100000 के निजी मुचलके का बांड भरना होगा। अदालत ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 12:49 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 05:30 PM (IST)
Lalu Yadav Bail Granted: लालू को मिली बेल, लेकिन झारखंड हाई कोर्ट ने लगाई ये शर्तें...
Lalu Yadav Bail Granted झारखंड हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को जमानत दे दी है।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Lalu Yadav Bail Granted झारखंड हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को जमानत दे दी है। अब वे जेल से बाहर आ जाएंगे। अदालत ने आधी सजा पूरी करने के आधार पर लालू प्रसाद यादव को जमानत प्रदान की है। इस दौरान उन्हें ₹100000 के निजी मुचलके का बांड भरना होगा। बिना अनुमति के वे देश से बाहर नहीं जाएंगे और ना ही अपना पता और मोबाइल नंबर बदलेंगे कोर्ट ने इन शर्तों को जमानत के दौरान लगाई है।

झारखंड हाई कोर्ट ने लालू को दी जमानत, लगाई ये शर्तें लालू को जेल से बाहर आने के लिए 100000 रुपये के दो निजी मुचलके का बांड भरना होगा। लालू यादव झारखंड हाई कोर्ट की बिना अनुमति के देश से बाहर नहीं जा पाएंगे। लालू प्रसाद अदालत की जानकारी के बिना अपना पता-ठिकाना नहीं बदल पाएंगे। लालू प्रसाद अपना मोबाइल नंबर कोर्ट की अनुमत‍ि के बिना नहीं बदल सकेंगे।

इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट में जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में लालू प्रसाद यादव की जमानत य‍ाचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई। लालू प्रसाद की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्‍ठ वकील कपिल सिब्‍बल ने उनकी जमानत के समर्थन में कोर्ट में दलीलें पेश कीं। जबकि सीबीआइ के वकील ने लालू की जमानत का पुरजोर विरोध किया। सीबीआइ की ओर से लालू को निचली अदालत से 14 साल की सजा मिलने की बात कही गई, लेकिन कोर्ट ने उनकी दलील खारिज कर दी।

लालू प्रसाद यादव के बारे में यह भी जानिए

23 दिसंबर 2017 को लालू यादव को देवघर मामले में जेल की पहली सजा 4 जनवरी 2018 को चाईबासा मामले में लालू को मिली दूसरी सजा 24 जनवरी 2018 को लालू यादव को चाईबासा मामले में मिली तीसरी सजा 24 मार्च 2018 को दुमका कोषागर मामले में लालू को मिली सजा 11 मई 2018 को तीनों केस में झारखंड हाई कोर्ट से प्रोविजन बेल मिली 30 अगस्त 2018 को लालू ने हाई कोर्ट में सरेंडर किया, तब से वे लगातार जेल में हैं।

लालू को हाई कोर्ट से मिली है सशर्त जमानत, 10 प्‍वाइंट्स में जानिए अदालत की सुनवाई चारा घोटाला के चार मामलों मामले में सजा काट रहे लालू यादव को झारखंड हाई कोर्ट से शनिवार को बड़ी राहत मिली है। उच्‍च न्‍यायालय के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने दुमका कोषागार मामले में उन्हें सशर्त जमानत की सुविधा प्रदान कर दी है। अदालत ने लालू प्रसाद यादव को एक-एक लाख रुपये के दो निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है। इसके अलावा उन्हें पांच-पांच लाख रुपये जुर्माने की भी राशि भी अदालत में जमा करनी होगी। निचली अदालत में लालू प्रसाद यादव को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा। लालू बिना कोर्ट की अनुमति के विदेश नहीं जा सकते हैं और न ही अपना पता और मोबाइल नंबर बदल सकते हैं। अदालत ने लालू प्रसाद यादव के दुमका कोषागार मामले में मिली सजा की आधी अवधि पूरी करने की बिना पर जमानत प्रदान की है। दुमका वाले केस में लालू प्रसाद यादव को सीबीआइ कोर्ट ने आइपीसी में सात साल और पीसी एक्ट में सात साल की अलग-अलग सजा सुनाई है। साथ ही दोनों धाराओं में तीस-तीस लाख रुपये का जुर्माना भी लालू पर लगाया है। झारखंड हाई कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलीलें पेश कीं। लालू के एक और वकील देवर्षि मंडल ने अदालत को बताया कि लालू प्रसाद ने इस मामले में छह अप्रैल को सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है। क्योंकि अदालत ने 19 फरवरी को माना था कि लालू प्रसाद यादव की आधी सजा पूरी करने में एक माह 17 दिन का समय शेष है। लालू के वकीलों की ओर से तर्क दिया गया कि सीबीआइ का यह कहना कि लालू प्रसाद यादव को कुल चौदह साल की सजा मिली है। यह जमानत पर सुनवाई के दौरान नहीं बल्कि अपील की सुनवाई के दौरान उठाया जाने वाला मुद्दा है। अदालत किसी भी समय लालू यादव को जमानत प्रदान कर सकती है। लालू के वकील ने कहा कि आरसी 20 केस में सुप्रीम कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को जमानत दी है, लेकिन चारा घोटाला से संबंधित सभी मामलों में झारखंड हाई कोर्ट ने आधी सजा पर लालू को जमानत देने का मानक तय किया है। इसी आधार पर लालू प्रसाद यादव ने भी जमानत देने की गुहार लगाई है। इसलिए उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए। सीबीआइ की ओर से लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका का जोरदार विरोध किया गया। कहा गया कि रांची की सीबीआइ स्‍पेशल कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है कि आइपीसी में सात साल और पीसी एक्ट में सात साल की सजा लालू प्रसाद यादव को दी जा रही, जो अलग-अलग चलेंगी। यानी लालू प्रसाद यादव को इस मामले में कुल 14 साल की सजा मिली है। लालू प्रसाद यादव की ओर से निचली अदालत के 14 साल की सजा वाले उस आदेश को चुनौती नहीं दी गई है, कि सजाएं अलग-अलग चलने की बजाय क्‍यों नहीं एक साथ चलाई जाएं। ऐसे में लालू यादव की जमानत पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं बचता है। अदालत ने सीबीआइ की इन दलीलों को खारिज करते हुए लालू प्रसाद यादव को सशर्त जमानत की सुविधा प्रदान कर दी है।  लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला केस में चाईबासा के दो, देवघर और दुमका के एक-एक मामले में निचली अदालत से सजा मिल चुकी है। इन तीन मामलों में लालू को पहले ही जमानत मिल गई थी। बहरहाल, अब दुमका कोषागार वाले मामले में भी जमानत की सुविधा मिलने के बाद वे अगले कुछ दिनों में जेल से बाहर आ जाएंगे। लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कहा कि सोमवार को लालू की ओर से जमानत के लिए निचली अदालत में बेल बांड भरा जाएगा। फिलहाल लालू यादव का इलाज दिल्ली के एम्स में चल रहा है।

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