देवरिया में ईंट भट्ठा में काम करने वाले मजदूरों को लाया गया रांची
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर रांची स्टेशन पर चान्हों प्रखंड के श्रमिक वापस लौटे।
जागरण संवाददाता, रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर रांची स्टेशन पर चान्हों प्रखंड के 33 आदिवासी श्रमिक और उनके नौ बच्चों को श्रम विभाग के राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष और फिया फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित ईंट भट्ठा से मुक्त करा लाया गया। गुरुवार की सुबह सभी श्रमिक मौर्या एक्सप्रेस ट्रेन से रांची स्टेशन लाए गए। ईंट भट्ठा में काम करनेवाले आदिवासी मजदूरों को राज्य सरकार ने मेहनताना भी दिलाया। इस मौके पर मांडर के विधायक बंधु तिर्की भी पहुंचे थे। यह लोग जिस ईट भट्टे पर काम करते थे, वहां 5 साल से भी अधिक समय से मजदूरी नहीं दी गई थी। बंधुआ मजदूर की तरह इनसे काम लिया जाता था। सरकार के संज्ञान में आने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस और श्रम विभाग की संयुक्त पहल पर म•ादूरों को करीब सात लाख मजदूरी दिलाई गई। 104 हेल्प लाइन नंबर के माध्यम से यह पहल की गई। सभी मजदूर चान्हों के टांगर गांव के निवासी हैं।
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जनवरी में काम की तलाश में पहुंचे थे उत्तर प्रदेश
ये श्रमिक जनवरी माह में अपने परिवार के साथ उत्तर प्रदेश काम की तलाश में गए थे। वहां उनकी मुलाकात एक ठेकेदार से हुई जिसने उन्हें देवरिया जिला के गांव मुंडेरा स्थित रजत ईंट भट्ठा पर काम पर लगा दिया। छह महीने काम करने के बाद भी उन्हें मेहनताना नहीं दिया गया था। श्रमिकों का ईंट भट्ठा संचालक के पास मजदूरी के मद में लगभग सात लाख रुपया बकाया था। श्रमिकों को अमानवीय परिस्थिति में रखा जा रहा था। श्रमिकों को रहने के लिए जो जगह दी गयी थी वह रहने लायक नहीं थी। खराब हालत में रहने के कारण श्रमिकों के बच्चे भी बीमार रहने लगे थे।