फूड बैंक में ही सड़ गए सैकड़ों पैकेट अनाज, जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाई राहत सामग्री Koderma News

Koderma News कोरोना काल के शुरुआती दिनों में जिले के गांव से लेकर शहरी इलाकों तक जरूरतमंद लोगों तक राहत सामाग्री का वितरण किया गया। बचे हुए फूड पैकेट का वितरण नहीं किया गया। इस कारण राहत सामग्री सड़ गई।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 01:55 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 05:01 PM (IST)
फूड बैंक में ही सड़ गए सैकड़ों पैकेट अनाज, जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाई राहत सामग्री Koderma News
वितरण नहीं होने से अनाज में कीड़े हो गए। जागरण

काेडरमा, जासं। कोरोना काल में जरूरतमंदों तक राहत समाग्री पहुंचाने को लेकर बनाए गए जिला स्तरीय फ़ूड बैंक में रखे सैकड़ों पैकेट अनाज सड़ गए। यह अनाज के पैकेट विभिन्न सामाजिक संगठनों और आम लोगों के द्वारा जिला प्रशासन को गरीबों के बीच बांटने के लिए दिए गए थे। अभी भी जिला मुख्यालय और प्रखंडों में बने फ़ूड बैंक में खाद्य सामग्री बचे पड़े हैं।

अब इन फूड पैकेट में रखे अनाज सड़ रहे हैं और इनमें कीड़े लग गए हैं। कोरोना काल के शुरुआती दिनों में जिले के गांव से लेकर शहरी इलाकों तक जरूरतमंद लोगों तक राहत सामाग्री का वितरण किया गया। बड़ी संख्या में लोगों तक फूड बैंक से अनाज के पैकेट बांटे जाने के बाद भी अबतक राहत सामग्री के पैकेट बचे पड़े हैं।

अनाज के अलग-अलग किस्म होने के कारण लगे कीड़े

गौरतलब है कि जो अनाज फूड बैंक में अलग-अलग सामाजिक संगठनाें और व्यक्तिगत रूप से जमा कराए गए थे, उसमें अनाज के अनेक किस्म और वैरायटी होने की वजह से उनमें कीड़े लगे हैं। खासकर अनाज बरसात के मौसम में जमा हुए थे और आटा के अलावा दाल में कीड़े लगे होने की बात सामने आ रही है। फूड पैकेट में रखे अनाज में कीड़े लगे होने की बात पिछले दिनों उस वक्त प्रकाश में आई, जब डोमचांच प्रखंड मुख्यालय से फूड पैकेट नवलशाही में जरूरतमंदों तक वितरण के लिए ले जाया जा रहा था।

हालांकि अनाज में कीड़े देखे जाने के बाद वापस अनाज को फूड बैंक में रखा गया है। किराना दुकानदारों की मानें तो बरसात के मौसम में आटे में कीड़े लगने लगते हैं और खाद्य समाग्री के साथ साबुन और दूसरे जरूरत के सामान होने के कारण फूड पैकेट खराब हो रहे हैं।

तकरीबन 200 फूड पैकेट अभी भी है जमा

इस संबंध में बात करने पर उपायुक्त रमेश घोलप ने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा फूड बैंक से तकरीबन साढे सात हजार फूड पैकेट का वितरण किया गया है और फिलहाल 200 पैकेट फ़ूड बैंक में बचे पड़े हैं। इनमें से कुछ पैकेट के खराब होने और कीड़े लगने की सूचना मिली है। इसके बाद खराब हुए फूड पैकेट को अलग कर दिया गया है। हालांकि जिन फूड पैकेट के अनाज की स्थिति ठीक है, उन पैकेट को सुरक्षित स्थान पर रखकर बांटे जाने की तैयारी है।

इधर, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के गोविंद खनाल ने कहा कि लॉकडाउन में जिला प्रशासन ने उनलोगों को स्वयं जरूरतमंदों तक अनाज नहीं वितरण करने दिया और अनाज फूड बैंक में जमा करवाए, लेकिन वितरण नहीं होने की स्थिति में अनाज देखरेख के अभाव में सड़ रहे हैं और जरूरतमंद अभी भी जरूरत के मोहताज हैं। उन्होंने कहा कि बचे हुए फ़ूड पैकेट का वितरण नहीं किया जाना और उसमें कीड़े लग जाना काफी दुःखद है।

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