वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन के बारे में यह खबर आप भी जानिए, सरकार लेने जा रही बड़ा फैसला...
Old Age Pension and Widow pension वरिष्ठों को लेकर हमारा समाज बेहद भावुक है। इस लिहाज से हर घर में हमारे बुजुर्गों को परिवार का वैभव माना जाता है। केंद्र और राज्य सरकारें भी इनकी सुविधाओं के लिए कई खास योजनाएं चलाती हैं ताकि इनका जीवन सहज बना रहे।
रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। वरिष्ठों को लेकर हमारा समाज बेहद भावुक है। इस लिहाज से हर घर में हमारे बुजुर्गों को परिवार का वैभव माना जाता है। केंद्र और राज्य सरकारें भी इनकी सुविधाओं के लिए कई तरह की खास योजनाएं चलाती हैं, ताकि इनका जीवन सहज बना रहे। यहां हम आपको बता रहे हैं, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन के बारे में जानिए, यह कैसे हमारे वृद्धों को संबल देती हैं। हालांकि यह चिंता की बात है कि अब भी समाज के बहुत छोटे तबके तक ये सुविधाएं पहुंच पा रही हैं। अब सरकार अधिक लोगों तक अपनी सुविधाएं पहुंचाने के लिए पेंशन के लिए बैंक जाने की चिकचिक को छोड़ बड़ा फैसला लेने जा रही है। अभी इसके लिए राज्यों में केंद्र की इकाई सर्वे कर रही है।
झारखंड में एक तिहाई से भी कम वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धापेंशन का लाभ मिलता है। इसका लाभ लेनेवाले 60 वर्ष से अधिक बुजुर्गों की संख्या यहां महज 27.5 फीसद है। केंद्र सरकार द्वारा बुजुर्गों पर कराए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है। इसी माह छह जनवरी को जारी इसकी रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में इस आयु वर्ग की 31.7 फीसद विधवाओं को ही विधवा पेंशन का लाभ मिलता है।
केंद्र द्वारा जारी लांगिट्यूडनल एजिंग स्टडी इन इंडिया-वेब वन की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के बुजुर्गों में उनके लिए लागू कानून तथा मिलनेवाली रियायतों की जानकारी भी नहीं है। राज्य के लगभग 19 फीसद बुजुर्ग ही सरकार द्वारा दी जानेवाली रियायतों मसलन, रेलवे, प्लेन के भाड़े, आयकर में मिलनेवाली छूट, बैंकों से मिलनेवाले अधिक ब्याज आदि की जानकारी रखते हैं। इस जागरूकता में 13 राज्य व केंद्र शासित प्रदेश झारखंड से आगे हैं।
28.4 फीसद बुजुर्ग जागरूक
पूरे देश में भी झारखंड से काफी अधिक कुल 28.4 फीसद बुजुर्ग इन रियायतों को लेकर जागरूक हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि राज्य के महज चार फीसद बुजुर्गों को ही जानकारी है कि उनकी सही देखभाल करना उनके बच्चों की कानूनी जिम्मेदारी है। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो वे उन्हें अपनी संपत्ति से भी वंचित कर सकते हैं। इसे लेकर पूरे देश में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम, 2007 लागू है।
जागरूकता को घोर अभाव
दंड का भी प्रावधान
बता दें कि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम के तहत अपने माता-पिता या वरिष्ठ नागरिकों का देखभाल करना अनिवार्य और न्यायसंगत है। इसमें लापरवाही पर वरिष्ठ नागरिक संपत्ति के हस्तांतरण से वंचित कर सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के परित्याग के लिए दंड का भी प्रावधान है। वरिष्ठ नागरिकों के जीवन और संपत्ति का संरक्षण तथा पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार की है।
वृद्धा पेंशन मिलता है 34.9 फीसद बीपीएल 18.1 फीसद नन बीपीएल
विधवा पेंशन मिलता है 30.3 फीसद बीपीएल 33.8 फीसद नन बीपीएल