रिम्स में पहली बार घुटने के ट्यूमर का ऑपरेशन, युवती का पैर कटने से बचा

रिम्स में पहली बार घुटने के ट्यूमर का ऑपरेशन कर एक युवती को नया जीवनदान मिला।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 06:00 AM (IST)
रिम्स में पहली बार घुटने के ट्यूमर का ऑपरेशन, युवती का पैर कटने से बचा
रिम्स में पहली बार घुटने के ट्यूमर का ऑपरेशन, युवती का पैर कटने से बचा

जासं, रांची: रिम्स में पहली बार घुटने के ट्यूमर का ऑपरेशन कर एक युवती को नया जीवनदान दिया गया। पैर के घुटने में ट्यूमर होने जैसे मामले अपने आप में चौकाने वाले होते हैं, राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में इस तरह का ऑपरेशन पहली बार सफलता के साथ हुआ। डाक्टरों के अथक प्रयास के बाद लातेहार की 23 वर्षीय मंजूषा का पैर कटने से बचा पाया।

मंजूषा पिछले कुछ दिनों से रिम्स के ऑथो वार्ड में डा एलबी मांझी की यूनिट में भर्ती थी। डा मांझी ने बताया कि यह राज्य का भी पहला मामला हो सकता है, जिसमें घुटने का इतना जटिल ऑपरेशन किया गया। कई अस्पतालों ने युवती के पैर काटने की सलाह दी, यहां तक कि रिम्स में भी अंतिम विकल्प पैर काटना ही बचा था, लेकिन डाक्टरों की टीम ने टोटल नी मेगा प्रोस्थेटिक रिप्लेसमेंट कर उसकी जान बचायी। यह काफी एडवांस ट्रीटमेंट की प्रक्रिया है, जिसके लिए जो इंप्लांट लगाए गए हैं उसे कोलकाता से खरीदा गया, जिसकी कीमत करीब 1.50 लाख रुपये है। मंजूषा ने बताया कि उसके ऑपरेशन की मदद लातेहार के विधायक ने की है।

घुटने के नीचे ट्यूमर होने के कारण उस जगह की हड्डी अपने आप टूट गई थी। उनका ऑपरेशन करने वाले डा. शोभिक दास बताते हैं कि यह काफी जटिल ऑपरेशन था, जिसके लिए दूसरे विभाग के डाक्टरों का भी सहारा लेना पड़ा। इसमें आंकोलॉजी के डा. रोहित की मदद ली गई। साथ ही जूनियर डाक्टरों में डा राजकुमार, डा विवेक, डा राजेश और डा चक्रवर्ती शामिल थे। सभी के प्रयास से मंजूषा का पैर कटने से बच गया और अब वे चल सकती है। बैठ सकती है, अपना सारा काम कर सकती है। यहां तक कि वो अब साइकिल भी चला सकती है।

पैर में ट्यूमर होने जैसे मामले बहुत कम आते हैं। इसमें मंजूषा को पिछले दस वर्षों से पैर में ट्यूमर था, पैर में घुटने के ठीक नीचे ट्यूमर होने से वो कोई भी काम नहीं कर पा रही थी। इस कारण हमेशा वो बेड पर अपना समय गुजारती थी। शुरुआत में उसे पता नहीं चल पाया और ढ़ाई माह पहले उसका ट्यूमर वाली जगह की हड्डी खुद टूट गई। जिसके बाद उसे कई अस्पतालों में दिखाया गया और बाद में रिम्स लाया गया , जहां 22 जुलाई को उसका ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के छह दिन बाद मरीज चल सकी और अब उसे तीन-चार दिन में अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

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