कांग्रेस ने किया राजभवन मार्च, RPN बोले- भाजपा ने किसानों की रीढ़ पर प्रहार किया
Kisan Adhikar Diwas अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी शुक्रवार को आयोजित किसान अधिकार दिवस पर राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन करेगी। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राज्यभर के कांग्रेस नेता कार्यकर्ता किसान संगठन के सदस्य रांची पहुंचे हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Kisan Adhikar Diwas झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन ङ्क्षसह ने कहा है कि केंद्र सरकार ने किसानों की रीढ़ पर सीधा प्रहार किया है। अब केंद्र को देर किए बगैर तीनों काले कानून वापस ले लेने चाहिए। उन्होंने इस दौरान किसानों की आर्थिक स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश की नई सरकार ने घोषणा के अनुसार ऋण माफी योजना को समय पर लागू कर दिया है। केंद्र में जब भी कांग्रेस की सरकार रही किसानों को फसलों के एवज में मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की गई है। यूपीए राज में सरकार ने किसानों 70 हजार करोड़ रुपये के ऋण माफ किए थे, लेकिन अब केंद्र सरकार तानाशाह की तरह व्यवहार कर रही है।
उन्होंने कहा कि मोरहाबादी की धरती से हम केंद्र की सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेते हैं। मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और तमाम विधायकों ने लोगों को संबोधित किया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर शुक्रवार को किसान अधिकार दिवस का आयोजन किया गया था। इस दौरान पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमत को वापस लेने व बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने की भी मांग की गई।
शुक्रवार को राजधानी के मोरहाबादी मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए आरपीएन ङ्क्षसह ने कहा कि राज्य सरकार ने 15 लाख राशन कार्ड बांटने का काम किया और मनरेगा के तहत 9 लाख लोगों को रोजगार दिया वहीं भाजपा की सरकार किसानों पर वार कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषिमंत्री नरेंद्र ङ्क्षसह तोमर संविधान को मानते हैं तो उन्हें किसानों की मांग को तुरंत मान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग जायज है और हर तरीके से उचित है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि 51 दिन से किसान आंदोलनरत हैं। तीनों काले कानून को वापस लिया जाना ही इसका समाधान है। उन्होंने कहा कि बार-बार किसान प्रतिनिधियों के साथ केंद्र सरकार बातचीत कर रही है, लेकिन इसका कोई फलाफल नहीं मिल पा रहा है। केंद्र सरकार किसानों को विश्वास में लेने में पूरी तरह से असफल रही है।
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि हमने अपने पहले ही वर्ष में दो हजार करोड़ कृषि ऋण माफ करके किसानों को एक सौगात देने का काम किया है, हमारा मानना है कि केंद्र की सरकार जानबूझकर किसानों को थकाने और हराने की साजिश कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि किसानों को सड़कों पर आंदोलन को मजबूर करने वाली भाजपा की सरकार को यह देश कभी माफ नहीं करेगा।
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, सांसद गीता कोड़ा, कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, इरफान अंसारी, राजेश ठाकुर, मानस सिन्हा, संजय लाल पासवान, विधायक प्रदीप यादव, बंधु तिर्की, दीपिका पांडेय ङ्क्षसह, राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोंगाड़ी, पूर्णिमा नीरज सिंह, ममता देवी, अंबा प्रसाद, सोनाराम ङ्क्षसकु, भूषण बाड़ा, उमाशंकर अकेला, कोऑर्डिनेटर अशोक चौधरी, रमा खलखो आदि मौजूद थे। राजभवन मार्च में गजेन्द्र प्रसाद सिंह, शकील अख्तर अंसारी, जयशंकर पाठक, अजय सिंह, नटू झा, निरंजन पासवान, लाल किशोर नाथ शाहदेव, आलोक दुबे आदि की भी सक्रियता रही।
दो मिनट का मौन
राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान से राजभवन मार्च के लिए निकलने के पहले सर्वप्रथम आरपीएन सिंह ने साठ किसानों की शहादत पर 2 मिनट का मौन रखा एवं उन किसानों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की, जिन्होंने आंदोलन के दौरान जान गंवाई थी।