JPSC ने भूतत्व निदेशालय के लिए पांच विज्ञान पदाधिकारियों की नियुक्ति अनुशंसा की
Jharkhand News Hindi Samachar आयोग ने बुधवार को इस परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी किया। इधर रिनपास निदेशक की नियुक्ति के लिए नियमावली में संशोधन किया जाएगा। बार-बार विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद भी चिकित्सकों के आवेदन नहीं आते।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड लोक सेवा आयोग ने खान एवं भूतत्व विभाग के अधीन कार्यरत भूतत्व निदेशालय में विज्ञान पदाधिकारी के पांच पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा कर दी है। आयोग ने बुधवार को इस परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी किया। इसके तहत अनुसूचित जनजाति श्रेणी से 31700004, 31700011 तथा 31700040, एससी श्रेणी से 31700070 तथा अत्यंत पिछड़ा वर्ग श्रेणी से 31700072 क्रमांक के अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं।
रिनपास निदेशक की नियुक्ति के लिए नियमावली में होगा संशोधन
झारखंड सरकार कांके स्थित रांची तंत्रिका मनोचिकित्सा एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (रिनपास) की नियुक्त के लिए नियमावली में संशोधन करेगी। इसे लेकर 21 जून तक चिकित्सकों एवं अन्य लोगों से सुझाव मांगे गए हैं। दरअसल, रिनपास के निदेशक पद के लिए बार-बार विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद भी अभ्यर्थियों के आवेदन नहीं मिलते। पिछली बार वर्ष 2019 में नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद महज दो अभ्यर्थियों के आवेदन मिले थे।
इस कारण नियुक्ति नहीं हो सकी थी। इससे पहले, देश के दूसरे राज्यों में स्थित मनोचिकित्सा संस्थानों को भी विज्ञापन भेजकर वहां से चिकित्सकों से आवेदन मांगे गए थे, लेकिन किसी चिकित्सक ने इस पद पर नियुक्ति में रुचि नहीं दिखाई। अब राज्य सरकार ने इस पद पर नियुक्ति हेतु चिकित्सकों को आकर्षित करने के लिए नियुक्ति नियमावली में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है।
टीएसी के गठन की फाइल सीएम के पास
जनजातीय परामर्शदातृ समिति (टीएसी) के गठन को लेकर कार्रवाई तेज हो गई है। कल्याण विभाग ने इसे लेकर फाइल मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेज दी है। मुख्यमंत्री इसके सदस्यों का मनोनयन करेंगे। टीएसी के गठन से संबंधित प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री चंपई सोरेन ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। उनकी स्वीकृति के बाद फाइल मुख्यमंत्री को सदस्यों के मनोनयन को लेकर भेजी गई है।
बता दें कि नई नियमावली के तहत मुख्यमंत्री टीएसी के अध्यक्ष तथा विभागीय मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। सदस्यों का मनोनयन मुख्यमंत्री द्वारा किया जाना है। इधर, राजभवन द्वारा मांगे जाने पर इसकी नियमावली की मूल फाइल भी मुख्य सचिव के माध्यम से भेज दी गई है। बताया जाता है कि फाइल राजभवन भेजे जाने से पहले विभागीय मंत्री की स्वीकृति ली गई थी।