JPSC PT Exam 2021: गलती पर गलती कर रहा जेपीएससी... अब माॅडल उत्तर में किया ये बदलाव; देखें Details @jpsc.gov.in

JPSC PT Exam 2021 झारखंड लोक सेवा आयोग जेपीएससी ने फिर से एक नई गलती सुधारी है। अब ताजातरीन मॉडल उत्तर में फिर से संशोधन सुधार किया गया है। जेपीएससी ने एक प्रश्न के संशोधित माडल उत्तर में भी गलती की थी। jpsc.gov.in

By Alok ShahiEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 12:13 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 12:18 AM (IST)
JPSC PT Exam 2021: गलती पर गलती कर रहा जेपीएससी... अब माॅडल उत्तर में किया ये बदलाव; देखें Details @jpsc.gov.in
JPSC PT Exam 2021: झारखंड लोक सेवा आयोग, जेपीएससी ने फिर एक गलती सुधारी है।

रांची, राज्य ब्यूरो। JPSC News, JPSC PT Exam 2021 झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा सातवीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के जारी संशोधित माडल उत्तर में भी एक प्रश्न का उत्तर गलत था। इसपर भी आपत्ति आने के बाद आयोग ने उसमें सुधार करते हुए उसका संशोधित उत्तर जारी किया है। दरअसल, प्रारंभिक परीक्षा के एक सवाल में पूछा गया था कि डोम्बारी बुरू किस आंदोलन से संबंधित है। संशोधित माडल उत्तर में इसका जवाब संताल हूल बता दिया गया था, जबकि डोम्बारी बुरू का संबंध बिरसा उलगुलान से संबंधित है। आयोग ने अब इसमें सुधार कर लिया है।

इधर, कुछ अभ्यर्थियों की एक अन्य प्रश्न के उत्तर पर भी आपत्ति है। गुणसूत्रों की वंशागत का सिद्धांत किसने दिया था, प्रश्न के उत्तर में आयोग ने चारों विकल्प गलत मानते हुए सभी अभ्यर्थियों को दो-दो अंक देने का निर्णय लिया है, लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि इस प्रश्न के का एक विकल्प सूटन एवं बोवेरी है जो कि सही उत्तर है। अभ्यर्थियों ने एनसीआरटी की पुस्तक में इसका उल्लेख होने की बात कही है। बता दें कि आयोग ने संशोधित माडल उत्तर में चार प्रश्नों के सभी विकल्पों को गलत बताते हुए उनमें सभी अभ्यर्थियों को दो-दो अंक देने का निर्णय लिया है। वहीं, कुछ अन्य प्रश्नों के उत्तर में संशोधन किया है।

पूर्व मुख्‍यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने रखी ये मांग

रांची जिला अंतर्गत रातू प्रखंड के तिलता गांव में पिछले दिनों घटी घटना अब तूल पकड़ती जा रही है। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने रविवार को गांव का दौरा का पूरे प्रकरण की जानकारी ली। उन्होंने पूरी घटना की उच्चस्तरीय जांच और ग्रामीण एसपी को हटाने की मांग राज्य सरकार से की। उन्होंने कहा कि तिलता मौजा में स्थानीय ग्रामीण वर्षों से पूजा करते आ रहे हैं। निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद 30 सितंबर को 50-60 हथियारबंद लोग जमीन पर कार्य करा रहे थे।

स्थानीय ग्रामीणों के विरोध पर बिचौलियों ने एक आदिवासी विधवा सुको उरांव पर गाड़ी चढ़ा दी। झड़प में एक बिचौलिए की मौत हो गई। आज सुको जिंदगी और मौत से जूझ रही है। पुलिस तीन ग्रामीणों को पकड़कर ले गई। उन्होंने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। साथ ही ऐसे जमीन दलालों को चिह्नित कर जेल भेजा जाए। सुको उरांव की बेहतर चिकित्सा की व्यवस्था हो और ग्रामीण एसपी को तत्काल निलंबित किया जाए।

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