JPSC News: नवनियुक्त अधिकारियों में निराशा, पूछ रहे इसमें उनका क्या कसूर

झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा छठी सिविल सेवा परीक्षा के मेरिट लिस्ट रद कर संशोधित मेरिट लिस्ट जारी के करने के आदेश के बाद नवनियुक्त अधिकारियों में निराशा है। कोर्ट के आदेश आने के बाद एक बार फिर उनमें अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 12:05 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 12:05 PM (IST)
JPSC News: नवनियुक्त अधिकारियों में निराशा, पूछ रहे इसमें उनका क्या कसूर
JPSC News: नवनियुक्त अधिकारियों में निराशा, पूछ रहे इसमें उनका क्या कसूर। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो । झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा छठी सिविल सेवा परीक्षा के मेरिट लिस्ट रद कर संशोधित मेरिट लिस्ट जारी के करने के आदेश के बाद नवनियुक्त अधिकारियों में निराशा है। कोर्ट के आदेश आने के बाद एक बार फिर उनमें अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। खासकर वैसे अधिकारी जो दूसरी नौकरी छोड़कर आए हैं, वे अधिक चिंतित हैं।

सरकारी सेवा में आ जाने के कारण छठी सिविल सेवा परीक्षा के सफल अभ्यर्थी खुलकर बोलने से परहेज कर रहे हैं, लेकिन नाम नहीं छापने की शर्त पर सवाल कर रहे हैं कि आखिर इसमें उनकी क्या गलती है। प्रारंभिक परीक्षा से लेकर अबतक इस परीक्षा के विवादित होने के कारण वे मानसिक रूप से परेशान होते रहे हैं। कुछ नवनियुक्त अधिकारियों का कहना है कि आयाेग की गलतियों का खामियाजा आखिर अभ्यर्थियों को ही भुगतना पड़ता है। एक अधिकारी ने कहा कि कोई अभ्यर्थी वर्षों से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में लगा रहता है।

जब दिन-रात मेहनत के बाद उसका चयन होता है तथा बाद में उसकी नियुक्ति रद होती तो उसके और उसके परिवार के मनोदशा पर पड़नेवाले असर का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसकी मुख्य परीक्षा में सफल तथा अंतिम परिणाम में चयन होने से वंचित एक अभ्यर्थी ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि एक परीक्षा में चार-पांच साल लगने के कारण कई छात्रों की एक ही परीक्षा की तैयारी करने में उम्र सीमा समाप्त हो गई तथा उसे दूसरी परीक्षा में शामिल होने का मौका भी नहीं मिला।

एक-दो नवनियुक्त अधिकारियों ने कहा कि जेपीएससी की प्रक्रिया निश्चित रूप से गलत थी, लेकिन इसमें अभ्यर्थियों की कोई गलती नहीं है।एक तरफ रद हो रहा परिणाम, दूसरी तरफ डेढ़ साल से कोई बहाली नहीं एक तरफ झारखंड लोक सेवा आयोग की छठी सिविल सेवा परीक्षा के मेरिट लिस्ट रद करने का उच्च न्यायालय का आदेश हो गया है तो दूसरी तरफ तृतीय श्रेणी के पदों पर नियुक्ति करनेवाले झारखंड कर्मचारी चयन आयोग में डेढ़ साल से कोई नई बहाली नहीं निकली है।

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने अंतिम बार सितंबर-अक्टूबर 2019 में संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा तथा झारखंड एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी करते हुए आवेदन मांगे थे। विभिन्न कारणों से ये दोनों परीक्षा नहीं हो पाईं। वहीं, इसके बाद कोई नई बहाली के लिए आवेदन नहीं मांगे गए। अक्टूबर 2019 में विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण दो माह तक कोई नई बहाली की प्रक्रिया आयोग द्वारा शुरू नहीं की जा सकी। इसके बाद हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति तथा नियोजन नीति को लेकर न्यायालय में मामला होने के कारण नई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। आयोग में दो परीक्षाओं के परिणाम भी लंबित हैं। इनमें पंचायत सचिव नियुक्ति परीक्षा भी शामिल है।

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