जेपीएससी : संतुष्ट नजर आए परीक्षार्थी, न उलझे, न अटके

झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा रविवार को ली गई सातवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 07:28 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 07:28 AM (IST)
जेपीएससी : संतुष्ट नजर आए परीक्षार्थी, न उलझे, न अटके
जेपीएससी : संतुष्ट नजर आए परीक्षार्थी, न उलझे, न अटके

राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा रविवार को ली गई सातवीं संयुक्त सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्न न तो बहुत कड़े थे और न ही बहुत हलके। इस परीक्षा के दोनों पत्रों (सामान्य अध्ययन पत्र-एक तथा सामान्य अध्ययन पत्र- दो) में सभी प्रश्न राज्यस्तरीय सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के स्टैंडर्ड के थे। हालांकि कुछ परीक्षार्थियों का कहना था कि पहले पत्र की तुलना में दूसरे पत्र के प्रश्न कुछ अधिक कड़े थे। लंबे समय बाद हुई जेपीएससी की परीक्षा में शामिल होकर अभ्यर्थी खुश नजर आ रहे थे। इस बार पांच सालों की परीक्षा एकसाथ ली गई है।

बरियातू स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र से परीक्षा देनेवाले ज्यादातर अभ्यर्थियों ने कहा कि इस बार परीक्षा का स्तर ठीक-ठाक था। वैसे परीक्षार्थी जो इस परीक्षा की पूरी तैयारी कर परीक्षा देने पहुंचे थे उन्हें इन प्रश्नों को हल करने में बहुत अधिक परेशानी नहीं हुई। प्रश्नों में त्रुटियां भी नहीं के बराबर थीं। परीक्षार्थी परीक्षा के स्तर से संतुष्ट दिखे।

बहुत पहले तैयार कर लिए गए थे प्रश्नपत्र

परीक्षार्थियों के अनुसार सामान्य अध्ययन के पहले पत्र में एक-दो सम सामयिक प्रश्न ऐसे थे जिनमें विकल्प गलत थे। माना जा रहा है कि प्रश्नपत्र कई माह पहले ही तैयार किए जाने के कारण ऐसा हुआ। जैसे, एक प्रश्न में पूछा गया था कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं। चार विकल्पों में एक विकल्प न्यायमूर्ति एचएल दत्तू था, जबकि उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है। इसी साल जून माह में अध्यक्ष पद पर नियुक्त न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा का नाम विकल्प में गायब था। ऐसे में इन प्रश्नों को हटाकर परिणाम जारी किया जा सकता है।

जेपीएससी जारी करेगा माडल उत्तर

जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के दोनों पत्रों का शीघ्र ही माडल उत्तर जारी करेगा। माडल उत्तरों पर परीक्षार्थियों से आपत्तियां ली जाएंगी। आपत्तियों की समीक्षा के बाद संशोधित माडल उत्तर जारी होगा। इसके आधार पर प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा।

प्रारंभिक परीक्षा की तरह ही समय पर हो मुख्य परीक्षा

प्रारंभिक परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी इस बात को लेकर अधिक खुश थे कि पांच साल बाद ही सही राज्य में यह परीक्षा आयोजित हुई। परीक्षार्थियों ने आशा व्यक्त की है कि प्रारंभिक परीक्षा की तरह ही मुख्य परीक्षा समय तथा विवादरहित होगी। जेपीएससी की ज्यादातर सिविल सेवा परीक्षाएं विवादित रही है। इसी कारण, छठी सिविल सेवा परीक्षा के पूरे होने में पांच वर्ष लग गए थे। इस परीक्षा से संबंधित मामला अभी भी कोर्ट में है।

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