JPSC ने चार साल में पूरी की सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया, परिणाम जारी
JPSC News Jharkhand Ranchi News Assistant Professors Recruitment रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय में नियुक्ति होगी। इसके साक्षात्कार का परिणाम जारी कर दिया गया है। कुल 14 पदों के विरुद्ध पांच पदों पर अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा हुई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अधीन कार्यरत रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक सह कनीय वैज्ञानिक के बैकलाग के पदों पर लगभग चार सालों में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की है। आयोग ने इन पदों पर आयोजित साक्षात्कार का परिणाम सोमवार को जारी कर दिया।
आयोग द्वारा जारी परिणाम में पांच अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा की गई है, जबकि आठ पदों के लिए योग्य अभ्यर्थी नहीं मिल सके। वेटनरी फार्मेकोलाजी में एसटी के एक पद का परिणाम जारी नहीं किया गया है। बता दें कि आयोग ने कुल 14 पदों पर नियुक्ति के लिए अगस्त 2017 में ही आवेदन मंगाए थे।
हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में हुई सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डाॅ. एसएन पाठक की पीठ में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत को बताया गया कि सोनी कुमारी मामले में हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) दाखिल की गई है। यह मामला उसी केस से संबंधित है, इसलिए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी जाए। अदालत ने सरकार के जवाब के बाद इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में याचिका के निष्पादन के बाद निर्धारित करने का आदेश दिया। इस संबंध में मुकेश रंजन ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
याचिका में कहा गया है कि उन्होंने हजारीबाग जिले में होने वाली फिजिकल ट्रेंड टीचर की नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था। आयोग ने उनकी इंजीनियरिंग की डिग्री को नहीं माना है, जबकि उक्त डिग्री को साइंस विषय के समान माना जाए। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) का कहना है कि विज्ञापन में दी गई शैक्षणिक योग्यता के अनुसार प्रार्थी की डिग्री नहीं होने से उनके आवेदन को रद किया गया है। बता दें कि सोनी कुमारी के मामले में हाई कोर्ट के वृहद पीठ ने सरकार की नियोजन नीति को रद कर दिया है। इसके तहत 13 अनुसूचित जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति भी रद हो गई है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई है, जो सुनवाई के लिए लंबित है।