झामुमो बोला- चुनाव आयोग चिंता न करे, सरकार तय करेगी कौन अधिकारी किस पद पर रहे

देवघर डीसी मंजूनाथ को पद से हटाने के आदेश पर झामुमो की तीखी प्रतिक्रिया। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के अग्रणी संगठन के तौर पर काम नहीं करे चुनाव आयोग। आयोग एक संवैधानिक संस्था है।

By M EkhlaqueEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 08:04 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 08:04 PM (IST)
झामुमो बोला- चुनाव आयोग चिंता न करे, सरकार तय करेगी कौन अधिकारी किस पद पर रहे
झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का फाइल फोटो। जागरण

रांची, (राज्य ब्यूरो) : सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को लेकर दिए गए निर्देश की आड़ में केंद्रीय निर्वाचन आयोग पर प्रहार किया है। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, उसे भाजपा के अग्रणी संगठन के तौर पर काम नहीं करना चाहिए। चुनाव कार्य के अलावा किस अधिकारी को किस पद पर रखना है, यह सरकार तय करेगी। चुनाव आयोग को इसकी ङ्क्षचता करने की आवश्यकता नहीं है।

ध्यान रखना चाहिए कि अपराध कभी भी मरता नहीं

झामुमो ने आरोप लगाया कि जो मामला न्यायिक है, उसपर चुनाव आयोग को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। कहा जा रहा है कि देवघर के उपायुक्त ने देर से एफआइआर दर्ज कराया। यह ध्यान रखना चाहिए कि अपराध कभी भी मरता नहीं है। अपराध के बारे में सूचित करने के कई प्रावधान हैं। राज्यसभा चुनाव में शिकायत के मद्देनजर भी चुनाव आयोग ने आइपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज कराने का आदेश दिया था। उस वक्त राजबाला वर्मा राज्य की मुख्य सचिव थीं। तीन साल के बाद अनुराग गुप्ता के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुआ। एफआइआर वापस लेने का फैसला अदालत करेगी या चुनाव आयोग। अब न्यायिक प्रक्रिया में भी निर्वाचन आयोग का अतिक्रमण होगा। किस फैसले में न्यायालय का क्या निर्णय होगा, इसका निर्धारण निर्वाचन आयोग को नहीं करना चाहिए।

यूपी में सरकारी खर्च पर हो रहा प्रचार, इस पर क्यों संज्ञान नहीं लेता आयोग

पूर्व मुख्‍यमंत्री बाबूलाल मरांडी के मामले में भी चुनाव आयोग ने फैसला कर दिया कि उनके दल का विलय ठीक था। दसवीं अनुसूची के तहत यह फैसला होना है। इसमें हस्तक्षेप का कौन सा नियम है। क्या आयोग यह निर्णय लेगा कि धोती साड़ी, खेल योजना या अन्य योजनाएं चलेंगी या नहीं चलेंगी। चुनाव आयोग का पूर्ण सम्मान है लेकिन इसे भाजपा का अग्रणी संस्थान के रूप में मत बदलिए। देश के करोड़ों मतदाता आयोग पर भरोसा करते हैं। आरोप लगाया कि यूपी में सरकारी खर्च पर चुनाव प्रचार अभियान चल रहा है। चुनाव आयोग को इसपर संज्ञान लेना चाहिए। चुनाव आयोग उस मामले में क्यों मौन है और झारखंड के मामले में मुखर है। चुनाव आयोग के फैसले का झामुमो विरोध करता है।

देवघर डीसी पर कार्रवाई गलत : कांग्रेस

चुनाव आयोग द्वारा देवघर उपायुक्त के संदर्भ में लिए गए फैसले को कांग्रेस ने संवैधानिक संस्थाओं में लगातार हो रहे क्षरण का उदाहरण बताया है। प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि इस मामले को इसी रूप में देखा जाना चाहिए। चुनाव आयोग की भूमिका चुनाव की अधिसूचना के बाद आरंभ होती है और निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रशासनिक पदस्थापना के पूर्व सरकार चुनाव आयोग की अनुमति के बाद ही कोई फैसला लेती है। यह स्थापित परंपरा रही है। चुनाव आयोग द्वारा देवघर उपायुक्त के संबंध में लिए गए फैसले से कहीं न कहीं उसकी निष्पक्षता पर प्रश्न उठ रहा है। झारखंड में ही राज्यसभा चुनाव प्रकरण में एक पुलिस अधिकारी पर चुनाव आयोग के ही निर्देश पर जब तीन वर्षों के बाद प्राथमिकी दर्ज हो सकती है तो किसी के ऊपर तीन महीने के बाद एफआईआर क्यों नहीं हो सकता।

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