झारखंड की पहचान से जुड़ी डाक्यूमेंट्री देश के विभिन्न राज्यों में यहां की खूबियों को मजबूती से रखने में मददगार होगी

झारखंड सरकार की कोशिश है कि इन फिल्मों के माध्यम से झारखंड को एक अलग पहचान दिलाई जा सके। फिल्मों का न्यूनतम 80 बार चैनल पर प्रदर्शन होगा और प्रमोशन से संबंधित कार्यक्रमों का भी प्रसारण किया जाएगा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 11:57 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 11:57 AM (IST)
झारखंड की पहचान से जुड़ी डाक्यूमेंट्री देश के विभिन्न राज्यों में यहां की खूबियों को मजबूती से रखने में मददगार होगी
विश्व पर्यटन मानचित्र पर आने का लाभ झारखंड को मिलेगा।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Tourism झारखंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयासों के तहत राज्य सरकार की कोशिशें रंग ला रही हैं। सरकार ने डाक्यूमेंट्री फिल्में बनाने के लिए प्रसिद्धि हासिल कर चुके टीवी चैनल नेशनल ज्योग्राफिक को इसके लिए चुना है। इसके माध्यम से झारखंड की खूबियों को वैश्विक पहचान दिलाई जा सकती है। इसके लिए चार विषयों का चयन कर झारखंड सरकार ने शुरुआत की है। ये चारों विषय झारखंड की पहचान और इसकी खासियत से जुड़े हैं।

सरकार मानकर चल रही है कि नेशनल ज्योग्राफिक चैनल के माध्यम से तैयार डाक्यूमेंट्री अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करने में भी कारगर साबित होगी। इन फिल्मों का प्रसारण झारखंड की खासियत को बताने के लिए किया जाएगा। राज्य के बाहर होनेवाले प्रदर्शनी कार्यक्रमों और आयोजनों में इन फिल्मों को दिखाया जाएगा। झारखंड की अच्छी वैश्विक पहचान स्थापित करने के लिए डाक्यूमेंट्री फिल्म के लिए चयनित विषयों में सबसे अहम है वन्य जीवन पर फिल्म का निर्माण।

झारखंड के जंगलों में हाथी, हिरण आदि वन्य जीवों की भरमार है लेकिन इनपर फिल्मों का निर्माण कम ही हुआ है। इसके अलावा वन्य उत्पादों की बड़ी श्रृंखला झारखंड में है, जिनमें झारखंड को आत्मनिर्भर बनाने की क्षमता है। झारखंड में वाइल्ड लाइफ के बाद एडवेंचर के स्थलों को लेकर फिल्म का निर्माण भी झारखंड के लिए अहम होगा। फिल्म के माध्यम से पूरी दुनिया को झारखंड के लोगों और यहां की संस्कृति के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी। इतना ही नहीं, प्राचीन काल में झारखंड की पहचान को लेकर भी फिल्मों का निर्माण कराया जाएगा।

झारखंड सरकार की कोशिश है कि इन फिल्मों के माध्यम से झारखंड को एक अलग पहचान दिलाई जा सके। फिल्मों का न्यूनतम 80 बार चैनल पर प्रदर्शन होगा और प्रमोशन से संबंधित कार्यक्रमों का भी प्रसारण किया जाएगा। विश्व पर्यटन मानचित्र पर आने का लाभ झारखंड को मिलेगा।

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