झारखंड में अवस्थित सौर और जैविक ऊर्जा के स्रोतों के उचित उपयोग और प्रबंधन पर 28 को होगी चर्चा

झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अक्षय ऊर्जा स्रोत एवं झारखंड प्रदेश का सतत विकास पर एक आनलाइन वेबीनार का आयोजन कर रहा है। इसमें सीएमपीडीआई भी सहयोग कर रहा है। 28 जनवरी को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के संयोजक कुलपति आचार्य प्रदीप कुमार मिश्र एवं सीएमपीडीआई के सीएमडी शेखर शरण होंगे।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 08:10 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 08:10 AM (IST)
झारखंड में अवस्थित सौर और जैविक ऊर्जा के स्रोतों के उचित उपयोग और प्रबंधन पर 28 को होगी चर्चा
झारखंड में अवस्थित सौर और जैविक ऊर्जा के स्रोतों के उचित उपयोग और प्रबंधन पर होगी चर्चा। जागरण

रांची, जासं । झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अक्षय ऊर्जा स्रोत एवं झारखंड प्रदेश का सतत विकास पर एक आनलाइन वेबीनार का आयोजन कर रहा है। इस आयोजन में सीएमपीडीआई भी सहयोग कर रहा है। 28 जनवरी को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के संयोजक कुलपति आचार्य प्रदीप कुमार मिश्र एवं सीएमपीडीआई के सीएमडी शेखर शरण होंगे। इस कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता के रूप में पद्मश्री जनक पलटा मगिलगन, भारत के सोलर मैन दीपक गढ़िया, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व निदेशक सिद्धनाथ उपाध्याय, सीएमपीडीआई के निदेशक तकनीकी केके मिश्र, राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा के निदेशक प्रोजेक्ट डा वेंकटेश द्विवेदी एवं भारतीय जैव ईंधन संघटन के अध्यक्ष गौरव केडिया होंगे।

पद्मश्री जनक दीदी ने अपना पूरा जीवन मध्यप्रदेश के झबुआ क्षेत्र की जनजातीय महिलाओं के उत्थान में लगाया है। वर्तमान में सौर कुकर एवं जैविक सेतु के माध्यम से समाज को अपनी सेवा दे रही है। वहीं दीपक गढ़िया लदाख सेना कैंटीन, शिरडी साईं मंदिर और तिरुपति मंदिर के सौर रसोई घर के निर्माता के साथ साथ भारत में शेफलुर डीश के जनक है। आचार्य सिद्धनाथ उपाध्याय ने जैव ईंधन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध किए हैं।

यह वेबिनार मुख्यत इस प्रदेश में अवस्थित सौर ऊर्जा और जैविक ऊर्जा के अपार स्रोतों के उचित उपयोग और प्रबंधन को एक दिशा देगा। इस वेबिनार का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय के सभी संस्थानों और तकनीक विद्यालयों को अक्षय ऊर्जा पर शोध और तकनीकी प्रसार की योजना पर कार्य करने के लिए प्रेरित करना है। वहीं सीएमपीडीआई ने सीएमडी शेखर शरण ने कहा कि राज्य में कोल के बड़े भंडार मौजूद है। मगर सतत विकास के लिए हमें अपनी निर्भरता अक्षय ऊर्जा पर बढ़ानी होगी। यही कारण है कि कोल इंडिया भी अब अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अवसरों और संभावित निवेश पर विचार कर रहा है। हम सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करके अपनी रोज की ऊर्जा जरूरतों का बड़ा हिस्सा पूरा कर सकते हैं।

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