Jharkhand Tourist places: ये वादियां, ये फिजाएं बुला रही हैं...

Jharkhand Tourist places झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को न केवल दूसरे राज्यों व बल्कि विदेशों से भी खींच ले आती है। नेतरहाट में सालों भर देश के सभी हिस्से से लोग आते हैं। इसके अलावा थाइलैंड मलेशिया इंडोनेशिया जापान समेत कई देशों के सैलानियों की यह पहली पसंद है।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 09:05 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 09:05 AM (IST)
Jharkhand Tourist places: ये वादियां, ये फिजाएं बुला रही हैं...
सनराइज और सनसेट देखने के लिए तरहाट में सालों भर देश के सभी हिस्से से लोग आते हैं।

रांची,जासं। झारखंड प्रकृति की गोद में बसा राज्य है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को न केवल दूसरे राज्यों व बल्कि विदेशों से भी खींच ले आती है। विश्व पर्यटन दिवस सैलानियों को पर्यटन के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। हालांकि देश में कोरोना संक्रमण के कारण लोग राज्य से बाहर जाने के बजाए राज्य में बसे खूबसूरत पर्यटक स्थानों पर अपने परिवार और दोस्तों के साथ सुकून के पल बिता रहे हैं। इस दौरान लोग शारीरिक दूरी के साथ सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रख रहे हैं। हुंडरू फॉल, जोन्हा फॉल, दशम फॉल समेत कई जलप्रपात हैं, जहां लोग बरबस खिंचे चले आते हैं। प्रसिद्ध लेखक राहुल सांकृत्यायन ने भी लिखा है- 'सैर कर दुनिया की गाफिल, जिंदगानी फिर कहां, जिंदगानी गर रही तो, नव जवानी फिर कहां।

छोटानागपुर की रानीं नेतरहाट

छोटानागपुर की रानी के नाम से प्रसिद्ध नेतरहाट झारखंड की राजधानी रांची से 156 किमी पश्चिम में लातेहार जिले में स्थित है। समुद्र तल से 3700 फीट की उंचाई पर स्थित नेतरहाट में गर्मी के मौसम में भी पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है। घने जंगलों के बीच स्थित इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। पर्यटक यहां आने पर प्रसिद्ध नेतरहाट विद्यालय, लोध झरना, ऊपरी घाघरी झरना तथा निचली घाघरी झरना देखना नहीं भूलते हैं। सनराइज और सनसेट के लिए विश्व विख्यात नेतरहाट में सालों भर देश के सभी हिस्से से लोग आते हैं। इसके अलावा थाइलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, जापान समेत कई देशों के सैलानियों की यह पहली पसंद है।

 

रांची का टैगोर हिल

टैगोर हिल का नाम महान कवि गुरू रवींद्रनाथ टैगोर पर है। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने यहां बहुत समय बिताया है। इस जगह से आप शहर के सुंदर दृश्यों और स्पष्ट नीले आसमान का आनंद ले सकते हैं। एडवेंचर व प्रकृति का शौक रखने वालों के लिए यह पहाड़ी बहुत लोकप्रिय है। यहां आप रॉक क्लाइबिंग और ट्रैकिंग का प्रयास कर सकते हैं। पहाड़ी के आधार पर रामकृष्ण मिशन आश्रम, कृषि वोकेशनल इंस्टीट्यूट और दिव्यायन का केंद्र है। पहाड़ी पर स्थित ब्रह्म मंदिर यहां आकर्षण का केंद्र है।

विदेशी पक्षियों का ठिकाना है पतरातू

पतरातू लेक में ठंड के दिनों में यहां हजारों की संख्या में साइबेरियन पक्षी यहां प्रवास करते है। इसे झारखंड का डल लेक कहा जा रहा है। यहां पर्यटकों के लिए जलविहार की भी व्यवस्था है। झारखंड पर्यटन विभाग के द्वारा पतरातू को रिसोर्ट के रूप में विकसीत किया है। इसके साथ ही अगर यदि आप लुभावनी और लंबी घुमावदार सड़कों से गुजरना चाहते हैं तो आपको पतरातू घाटी अवश्‍य आना चाहिए। रांची से घाटी तक ड्राइव हर बाइक प्रेमी के लिए खुशी का पल होता है। एस-टर्न, हेयरपिन और स्वूपिंग कॉर्नर और तेजस्वी विस्टा ड्राइव को और अधिक रोमांचक बनाते हैं। आपको पतरातू डैम पर भी रुकना चाहिए। यह पिकनिक के लिए एक शानदार जगह है। रांची से इसकी दूरी 34 किमी है।

वनभोज के लिए प्रसिद्ध है पंचघाघ

रांची से 50 किमी दूर स्थित पंचघाघ जलप्रपात लोगों के बीच एक पसंदीदा स्थान है। यह पिकनिक स्थल के रूप में काफी लोकप्रिय है। झरने का नाम इस तथ्य से मिलता है कि यहां से पांच झरने गिरते देखे जा सकते हैं। छुट्टियों के दिनों में यहां आते हैं, तो आप बड़ी संख्या में लोगों को सुंदरता और शांति के साथ आनंद लेते हुए देख सकते हैं। बच्चों के साथ यात्रा कर रहे हैं तो आपको यहां तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां चढ़ने की आवश्यकता होगी।

दुधिया फाल देखने पहुंचे दशम

रांची शहर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दशम फॉल झारखंड में पर्यटकों के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है। यह प्रकृति प्रेमियों के लिए एक खास जगह है। इस झरने की एक खासियत यह है कि जब यह अपनी अधिकतम महिमा पर होती है, तो आप पानी की 10 धाराओं को प्लंज पुल में गिरते हुए देख सकते हैं। धीरे-धीरे पर्यटन का विकास होने के कारण यहां कई रेस्तरां व ढाबा बनाए गए हैं। यहां की यात्रा पहले की तुलना में कहीं अधिक सुविधाजनक हो गई है। जंगल झाड़ के बीज सुरमई वातावरण में यहां कांची नदी का निर्मल जल 144 फीट की ऊंचाई से गिरता है। यह दृश्य भी मनोहारी है।

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