देश की भव्य इमारतों में एक होगा झारखंड सचिवालय, 10 लाख वर्ग फुट में होगा निर्माण; जानें इसकी खूबियां

Jharkhand New Secretariat News Jharkhand News पारंपरिक वास्तुकला और आधुनिक निर्माण शैली का अनूठा संगम होगा। ग्रीन बिल्डिंग कांसेप्ट पर बनने वाली यह इमारत कई खूबियों से लैस होगी। सीपीकेए ने विश्वस्तरीय डिजाइन तैयार किया है। अक्टूबर से निर्माण संभव है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 07:26 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 01:52 PM (IST)
देश की भव्य इमारतों में एक होगा झारखंड सचिवालय, 10 लाख वर्ग फुट में होगा निर्माण; जानें इसकी खूबियां
Jharkhand News पारंपरिक वास्तुकला और आधुनिक निर्माण शैली का अनूठा संगम होगा।

रांची, [आनंद मिश्र]। झारखंड की सरकारी इमारतों से जुड़े मिथक अब तेजी से टूट रहे हैं। प्रदेश की भव्य इमारतें अब राज्य के गौरव का प्रतीक बन रहीं हैं। इस कड़ी में शीघ्र ही नया सचिवालय भवन का नाम भी जुड़ने वाला है। यह भवन झारखंड की पारंपरिक वास्तुकला और आधुनिक निर्माण शैली का अनूठा संगम तो होगा ही, पर्यावरण के तमाम मानकों पर भी खरा उतरेगा। नए सचिवालय भवन की उत्कृष्ट डिजायन को राज्य सरकार की मंजूरी मिल चुकी है और अब इसका डीपीआर तैयार किया जा रहा है।

लगभग दस लाख वर्ग फुट में बनने वाले इस भव्य इमारत का निर्माण कार्य अक्टूबर में शुरू होने की बात कही जा रही है। नए सचिवालय भवन को दिल्ली की प्रतिष्ठित कंपनी सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स (सीपीकेए) ने डिजाइन किया है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। जबकि इसके निर्माण कार्य को जुडको अन्य एजेंसियों के साथ अंजाम देगा। सीपीकेए ने झारखंड राज्य सचिवालय के लिए राष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता भी जीती है।

सीपीकेए प्रमुख दीक्षु कुकरेजा ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि झारखंड का नया सचिवालय भवन विश्व स्तरीय होगा, जो झारखंड के प्रति एक नया नजरिया प्रस्तुत करेगा। ग्रीन बिल्डिंग कांसेप्ट पर बनने वाली यह इमारत कई खूबियों से लैस होगी। यह भवन पर्यावरण के तमाम मानकों पर खरा उतरेगा और कामकाज के लिए एक अच्छा माहौल प्रदान करेगा। बता दें कि 30 से अधिक देशों में काम कर चुकी इस आर्किटेक्ट और इंजीनियरिंग फर्म ने मध्य प्रदेश के सचिवालय भवन (वल्लभ भवन ) को भी डिजाइन किया था, जिसे बेस्ट डिजाइन गवर्मेंट बिल्डिंग इन एशिया के अवार्ड से नवाजा गया था।

भवन में क्या होगा खास

-कला व मूर्तिकला के माध्यम से  राज्य के पारंपरिक वास्तुशिल्प को प्रदर्शित करते हुए डिजाइन तैयार किया गया है।

-परिसर में मंत्रालय, विविध विभाग, संगोष्ठी कक्ष और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नवीनतम तकनीकी सुविधाओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष भी होंगे।  

-बिल्डिंग के आगे का भाग चार मंजिल का होगा, जबकि पिछला 11 का। वीआइपी, अधिकारियों, कर्मचारियों, आगंतुकों व सर्विसेज के लिए चार अलग-अलग प्रवेश द्वार होंगे।

-इमारतों में तेज गति से चलने वाली 25-30 लिफ्ट, चौड़े गलियारे और इमारत के एक भाग को दूसरे से जोड़ने के लिए चौड़े पुलनुमा कॉरिडोर होंगे।

-केंद्रीय प्रांगण कार्यालयों को हरा-भरा रखने के लिए पेड़-पौधे भी लगाए जाएंगे।

क्या है ग्रीन बिल्डिंग कांसेप्ट

ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण पर्यावरण के मानकों के अधीन होता है। बिजली की बचत के साथ-साथ भवन का प्रकृति जुड़ाव रहे, इसलिए रोशनी के लिए सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है और भवन के ऊपर या करीब सौर पैनल लगाए जाते हैं। पानी को फिर से उपयोग में लाने योग्य बनाने के लिए री-साइकिलिंग ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाता है। बारिश के पानी को जमा करने के लिए और फिर उसे उपयोग में लाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का भी प्रविधान किया जाता है। मौसम के प्रभाव को कम करने के लिए विशेष प्रकार के शीशे और ईंटों का प्रयोग किया जाता है।

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