Jharkhand: नक्सलियों से भी बड़ा दुश्मन खड़ा हो गया झारखंड पुलिस के सामने, आप भी जानिए...

Jharkhand News झारखंड पुलिस को नक्सलियों से भी बड़ा दुश्मन सीधे चुनौती दे रहा है। नक्सल विरोधी अभियान के जवान नक्सलियों से पहले इससे निपटने में जुटे हैं। डेढ़ माह में 800 पुलिसवालों को यह अपनी चपेट में ले चुका है। जबकि 10 पुलिसकर्मियों की इसने जान ले ली।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 07:14 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 06:36 AM (IST)
Jharkhand: नक्सलियों से भी बड़ा दुश्मन खड़ा हो गया झारखंड पुलिस के सामने, आप भी जानिए...
Jharkhand News: नक्सलियों से भी बड़ा दुश्मन झारखंड पुलिस के सामने खड़ा हो गया है।

रांची, [दिलीप कुमार]। Jharkhand News झारखंड में इन दिनों पुलिस के लिए नक्सलियों से ज्यादा चुनौती कोरोना वायरस दे रहे हैं। अभी कोरोना वायरस ही नक्सलियों से बड़ा दुश्मन बन बैठा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि महज डेढ़ महीने के भीतर 800 से ज्यादा पुलिसकर्मी-पदाधिकारी को इस वायरस ने बीमार कर दिया। पूरे एक साल में कोरोना वायरस से 24 पुलिस पदाधिकारियों-कर्मियों की मौत हो गई, जिनमें 10 पुलिस पदाधिकारी-कर्मी इस डेढ़ महीने के भीतर इस वायरस के चलते बीमार होकर जान गंवा बैठे।

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य में नक्सल विरोधी अभियान में लगे जवान व पदाधिकारी भी वायरस से अपनी जान बचाने में जुटे हैं। जंगलों में बने पुलिस पिकेट में भी सुबह की शुरूआत काढ़ा से हो रही है। मास्क व सैनिटाइजर ही इन दिनों बुलेट प्रूफ जैकेट बना हुआ है। नक्सलियों के विरुद्ध अभियान भी अब नाम मात्र के चल रहा है। सूचना है कि नक्सली भी कोरोना संक्रमण काल में खुद को बचाने में लगे हैं, इसलिए उनकी गतिविधियां भी अब नहीं के बराबर है।

सिर्फ टीका ही नहीं, सावधानी भी है जरूरी

कोरोना वायरस से बचने के लिए सिर्फ टीका ही पर्याप्त नहीं है। इससे बचने के लिए सावधानी भी बरतनी होगी। राज्य में इस वर्ष कोरोना वायरस से जिन 10 पुलिसकर्मियों-पदाधिकारियों की मौत हुई है, उनमें अधिकतर ने टीके का दोनों डोज ले लिया था। एक-दो पुलिस वालों ने ही सिर्फ सिंगल डोज लिया था। जिन पुलिसकर्मियों-पदाधिकारियों की मौत हुई है, उनमें किसी को हृदय तो किसी को किडनी की समस्या पहले से थी। एक सिपाही को तो क्षय रोग की शिकायत थी।

एसीबी के सिपाही सुशांत कुमार झा ने भी कोरोना वैक्सीन का दोनों डोज लिया था, लेकिन वह इतना कमजोर हो गया था कि बीमारी ने उसे अपने कब्जे में ले लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। रेल धनबाद में कार्यरत पुलिस निरीक्षक विजयजीत टोपनो भी दोनों डोज लेने के बाद कोरोना को नहीं हरा सके। कोडरमा में भी एक इंस्पेक्टर की कोरोना वायरस से बीमार होने पर मौत हो गई।

विशेष शाखा के डीएसपी रविकांत भूषण, रसोइया संतोष, इंस्पेक्टर जयदेव कच्छप सहित पांच पदाधिकारी-कर्मी कोरोना का टीका लेने के बावजूद खुद को इस बीमारी से नहीं बचा सके। जमशेदपुर में पुलिस के जवान हैदर अली, एएसआइ अनिल यादव, जैप-6 के हवलदार रंजीत कुमार वैक्सीन लेने के बावजूद कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। ये कोरोना को हरा नहीं सके, जिंदगी की जंग हार गए।

पुलिस में 80 फीसद से ज्यादा का हो चुका है टीकाकरण

झारखंड पुलिस में टीकाकरण लगातार जारी है। राज्य में करीब 80 हजार पुलिसकर्मी हैं, जिनमें 95 फीसद से ज्यादा को पहला टीका पड़ गया है। करीब 80 फीसद पुलिसकर्मी-पदाधिकारियों ने दोनों डोज ले लिया है। पुलिस मुख्यालय इसकी लगातार मॉनीटरिंग कर रहा है, ताकि कोई भी पुलिसकर्मी-पदाधिकारी टीका से वंचित न हो। पहला डोज नहीं लेने वालों में वैसे पुलिस पदाधिकारी-कर्मी शामिल हैं, जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और डॉक्टर के संपर्क में हैं।

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