Jharkhand Police: झारखंड में 46 दारोगा, 11 सार्जेंट का तबादला, जगुआर में स्थानांतरित हुए कई दारोगा
Jharkhand Police झारखंड के 14 जिलों के 46 दारोगा झारखंड जगुआर में स्थानांतरित किए गए हैं। राज्य पुलिस स्थापना पर्षद की 20 अक्टूबर को आयोजित बैठक में 22 सार्जेंट के आवेदन पर विचार के बाद 11 के आवेदन को अस्वीकृत कर दिया और सिर्फ 11 सार्जेंट का तबादला हुआ।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Police पुलिस मुख्यालय ने राज्य के 14 जिलों के 46 दारोगा को झारखंड जगुआर में स्थानांतरित कर दिया है। इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी गई है। जारी आदेश के अनुसार गत 18 अक्टूबर को राज्य पुलिस स्थापना पर्षद की बैठक में इन दारोगा के तबादला संबंधित आदेश जारी हुआ था। पुलिस मुख्यालय ने संबंधित जिलों के एसपी को इन दारोगा को झारखंड जगुआर के लिए विरमित करते हुए पुलिस मुख्यालय को अवगत कराने का आदेश दिया है।
22 सार्जेंट में सिर्फ 11 का ही स्थानांतरण
राज्य पुलिस स्थापना पर्षद की 20 अक्टूबर को आयोजित बैठक में 22 सार्जेंट के आवेदन पर विचार किया गया। पर्षद ने इन 22 सार्जेंट के आवेदनों में से 11 के आवेदन को अस्वीकृत कर दिया और सिर्फ 11 सार्जेंट के आवेदन पर ही विचार किया जा सका। पुलिस मुख्यालय ने इन 11 सार्जेंट का स्थानांतरण करते हुए इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।
142 दारोगा ने स्थानांतरण के लिए दिया था आवेदन, 76 अस्वीकृत
राज्य पुलिस स्थापना पर्षद की 20 अक्टूबर को आयोजित बैठक में विभिन्न जिलों के 142 दारोगा ने स्थानांतरण के लिए आवेदन दिया था। इन आवेदनों में 76 आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया है। सिर्फ 66 दारोगा के स्थानांतरण पर मुहर लगी है। पुलिस मुख्यालय ने संबंधित जिलों के एसएसपी-एसपी को निर्देश दिया है कि जारी अधिसूचना के आलोक में संबंधित पुलिस पदाधिकारियों के स्थानांतरण-पदस्थापन की कार्रवाई पूरी कराएं और इससे पुलिस मुख्यालय को अवगत कराएं।
विभागीय कार्रवाई के दायरे में आए मेदिनीनगर के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता
ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल मेदिनीनगर के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता प्रेम कुमार केसरी पर कार्यों में लापरवाही बरतने के आरोप को लेकर विभागीय कार्यवाही संचालित की गई है। हालांकि सेवानिवृत्त हो चुके अभियंता से संपर्क नहीं हो पा रहा है, इस कारण विभागीय कार्यवाही फिलहाल अवरुद्ध है। ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल ने उन्हें 26 अक्टूबर तक उपस्थित होने का निर्देश दिया है। यह भी स्पष्ट किया है कि यदि वे इस अवधि तक अपने ऊपर लगाए गए आरोपों पर स्थिति नहीं स्पष्ट कर पाए तो यह समझा जाएगा कि उनके ऊपर लगे आरोपों पर उन्हें कुछ नहीं कहना है