धर्म परिवर्तन से आक्रोश, लोग बोले- ईसाई मिशनरी बाज आए, धर्म प्रचारक नायक को करें गिरफ्तार
Jharkhand News पीड़ित परिवार एवं ग्रामीणों ने बताया कि ईसाई धर्म प्रचारक मजेद्र नायक पिता लीट्टू नायक 10-12 साल पहले ईसाई बना था। उसी ने युवाओं को भटकाया। अब इन लोगों ने क्रिश्चियन बन कर अपनी-अपनी पत्नी की मांग का सिंदूर भी धो डाला है।
रांची, जासं। झारखंड की राजधानी रांची से सटे ओरमांझी में 10 युवाओं द्वारा ईसाई धर्म अपनाने के बाद झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति एवं उरावं जनजाति धर्म संस्कृति रक्षा मंच झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष मेघा उरांव एवं उपाध्यक्ष जय मंत्री उरावं ने वहां का दौरा किया। रांची जिला के ओरमांझी के ग्राम गगारी का दौरा कर ग्रामीण एवं पीड़ित परिवार से पूछताछ किया। इस संबंध में पीड़ित परिवार एवं ग्रामीणों ने बताया कि ईसाई धर्म प्रचारक मजेद्र नायक पिता लीट्टू नायक 10-12 साल पहले ईसाई बना था।
उसके बाद गांव के युवकों को अपने जाल में फंसाना शुरू कर दिया। धर्म परिवर्तन के नाम पर कभी रांची तो कभी इधर-उधर घुमाना शुरू कर दिया। अंत में ईसाई मिशनरी के जाल में फंस कर क्रिश्चियन धर्म स्वीकार कर लिया। हाल ही में 4-5 महीना पहले समाज के द्वारा सरना रीति-रिवाज से शादी विवाह कराया गया था। अब इन लोगों ने क्रिश्चियन बन कर अपनी-अपनी पत्नी की मांग का सिंदूर भी धो डाला। ग्रामीणों ने कहा कि हम लोग एकजुट हैं। इसके लिए मुकाबला करेंगे।
मेघा उरांव ने कहा कि रांची के उपायुक्त इसकी जांच कराएं कि कैसे धर्मांतरण कानून 2017 का उल्लंघन हो रहा है। कैसे लोभ-लालच देकर धर्मांतरण कराया गया है। इतना कड़ा कानून रहते हुए भी बेहिचक ईसाई मिशनरी अपने धर्मांतरण के काम में लगे हुए हैं जबकि किसी को भी स्वेच्छा से धर्मातरण करने के लिए भी दंडाधिकारी या सक्षम पदाधिकारी को सूचना देना जरूरी है। परमिशन लेना जरूरी है।
लेकिन इन लोगों को बिना सूचना व बिना परमिशन लिए धर्मांतरण कराया गया है। इसलिए समिति मांग करती है कि धर्म प्रचारक नायक को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। जय मंत्री उरावं ने कहा है कि ईसाई मिशनरी अपनी हरकत से बाज आएं। समिति रांची के उपायुक्त को पत्र देकर तुरंत गिरफ्तारी की मांग करेगी और धर्मांतरण कानून का कड़ाई से पालन कराने का आग्रह करेगी।