झारखंड अभिभावक संघ ने स्कूल की बढ़ी फीस से राहत दिलाने के लिए मांगी मदद

Jharkhand News Private School Fee Hike News अभिभावक संघ ने कहा कि ऑनलाइन क्लास के मामले में भी विगत एक वर्षों में इन स्कूलों के द्वारा किसी भी प्रकार का सुधार नहीं किया गया है। स्‍कूल भी नहीं खुले हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sun, 04 Jul 2021 04:29 PM (IST) Updated:Sun, 04 Jul 2021 04:34 PM (IST)
झारखंड अभिभावक संघ ने स्कूल की बढ़ी फीस से राहत दिलाने के लिए मांगी मदद
Jharkhand News, Private School Fee Hike News स्‍कूल भी नहीं खुले हैं।

रांची, जासं। झारखंड अभिभावक संघ के द्वारा पिछले चार दिनों से निजी स्कूलों में फीस की बढ़ोत्तरी के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत रविवार को संघ के द्वारा झारखंड के सभी प्रेस और मीडिया संस्थानों से मदद की अपील की गई। इसके तहत एक वर्चुअल संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें संघ के अध्यक्ष कहा कि कोरोना संक्रमण ने समाज की आर्थिक स्थिति पर जिस तरह से वार किया है, उससे उबरने में वक्त लगेगा। मगर स्कूलों के द्वारा बिना सोचे समझे फीस में बढ़ोत्तरी की जा रही है।

उन्होंने बताया कि कोरोना की पहली लहर के दौरान सत्र 2020-21 के लिए फीस वृद्धि पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी थी। सरकार ने आदेश दिया था कि जब तक स्कूल नहीं खुलेगा, तब तक केवल ट्यूशन फीस ही लेना है। मासिक ट्यूशन फीस में भी वृद्धि नहीं करनी है। यह निर्देश उन स्कूलों के लिए था, जो ऑनलाइन क्लास चला रहे थे। जो स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं संचालित नहीं कर रहे हैं, उन्हें ट्यूशन फीस भी नहीं लेनी है। लेकिन नए सत्र 2021-22 के लिए सरकार ने इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया है, जबकि स्कूल अब भी नहीं खुले हैं और ऑनलाइन कक्षाओं का ही संचालन हो रहा है।

ऑनलाइन क्लास के मामले में भी विगत एक वर्षों में इन स्कूलों के द्वारा किसी भी प्रकार का सुधार नहीं किया गया है। अजय राय ने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम-2017 को राज्य के हर जिले में प्रभावी बनाया जाए। इसके साथ ही किसी भी स्कूल के द्वारा बच्चों को फीस के एवज में ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित करना अनैतिक एवं स्कूल मैनेजमेंट की मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है। इस पर रोक लगनी चाहिए।

झारखंड सरकार का आदेश जो पिछले साल पत्रांक संख्या 13/वी 12-55/2019 दिनांक 25/06/2020 को निकाला गया था, वह आज भी प्रभावी है। उस आदेश के अनुसार निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मद में फीस नहीं ले सकता। इसको राज्य सरकार कड़ाई से लागू करे। इसके साथ ही अभिभावकों की बच्चों के हि‍त में कई मांग है।

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