Jharkhand News: नहीं मिली छूट: सांसद-विधायक को न‍िजी वाहन पर नेम प्‍लेट लगाने की छूट नहीं

Jharkhand News हाई कोर्ट(High Court) की नाराजगी के बाद राज्‍य सरकार ने सांसदों(MPs) और विधायकों(MLAs) के न‍िजी वाहन पर नेम प्‍लेट(Name Plate on Personal Vehicle) लगाने की छूट वापस ले ली है। अब स‍िर्फ सरकारी वाहनों पर ही नेम प्‍लेट लगाने की छूट है।

By Sanjay KumarEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 12:27 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 12:29 PM (IST)
Jharkhand News: नहीं मिली छूट: सांसद-विधायक को न‍िजी वाहन पर नेम प्‍लेट लगाने की छूट नहीं
Jharkhand News: नहीं मिली छूट: सांसद-विधायक को न‍िजी वाहन पर नेम प्‍लेट लगाने की छूट नहीं

रांची जासं। Jharkhand News: हाई कोर्ट(High Court) की नाराजगी के बाद राज्‍य सरकार ने सांसदों(MPs) और विधायकों(MLAs) के न‍िजी वाहन पर नेम प्‍लेट(Name Plate on Personal Vehicle) लगाने की छूट वापस ले ली है। अब स‍िर्फ सरकारी वाहनों पर ही नेम प्‍लेट लगाने की छूट है। दरअसल, झारखंड हाई कोर्ट(Jharkhand High Courू) के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में राज्य के विधायक, सांसद और दूसरे जनप्रतिनिधि अपने निजी वाहनों में नेम प्लेट और बोर्ड(Name Plate And Board) के मामले में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान परिवहन सचिव की ओर दाखिल उस शपथ पत्र को वापस ले लिया गया था, जिसमें सरकार ने जनप्रतिनिधियों को निजी वाहन पर नेम प्लेट लगाने की छूट प्रदान करने की बात कही थी।

अदालत(Court) का कहना था जब सरकार की ओर से जारी अधिसूचना(Release Notification) में सिर्फ सरकारी वाहन(Government Vehicle) पर ही नेम प्लेट या बोर्ड लगाने की छूट प्रदान की गई है, तो फिर निजी वाहन पर सांसद और विधायक कैसे नेम प्लेट लगा सकते हैं। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से ऐसा शपथ पत्र कैसे दाखिल किया जा सकता है, जिसमें अधिसूचना के विरुद्ध बात कही गई है।

जब नियम नहीं है तो कैसे इन्हें छूट प्रदान की गई: अदालत

इसके बाद राज्य के परिवहन सचिव केके सोन ने हाई कोर्ट से उक्त शपथ पत्र वापस लेने का आग्रह किया था, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया और अदालत ने सरकार से कहा कि वाहनों पर नेम प्लेट लगाने के लिए लिए जो नियम कोर्ट में पेश किया गया है उसमें स्पष्ट है कि जन प्रतिनिधि अपने निजी वाहन में बोर्ड और नेम प्लेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। जब नियम नहीं है तो कैसे इन्हें छूट प्रदान की गई।

चार सप्ताह में सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश:

अदालत ने महाधिवक्ता से कहा कि वह दूसरे राज्यों की नियमावली मंगाकर अगली तिथि को कोर्ट में पेश करें, ताकि पता चल सके वहां क्या-क्या प्राविधान है और झारखंड में क्या-क्या लागू किया गया है। अदालत ने सरकार से पूछा कि वाहनों में गलत तरीके से नेम प्लेट और बोर्ड लगाने वाले कितने लोगों पर अब तक कार्रवाई की गई है। चार सप्ताह में सरकार को इसका जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

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