हाई स्कूलों में वरीयतम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक बनेंगे हेडमास्टर, सरकार ने बनाए नए नियम

Jharkhand Government Schools झारखंड के सरकारी हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक पद रिक्त होने पर वरीयतम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रभार मिलेगा। विशेष परिस्थिति में ही अन्य को प्रभार दिया जा सकेगा। प्रधानाध्यापक का प्रभार उन शिक्षकों को दिया जाएगा जिनके पास न्यूनतम पांच साल कार्य करने का अनुभव हो।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 07:56 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 05:05 PM (IST)
हाई स्कूलों में वरीयतम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक बनेंगे हेडमास्टर, सरकार ने बनाए नए नियम
Jharkhand Government Schools: हाई स्कूलों में वरीयतम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों को ही अब प्रधानाध्यापक का प्रभार मिलेगा।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Government Schools झारखंड के हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त होने पर वरीयतम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों को ही अब प्रधानाध्यापक का प्रभार मिलेगा। विशेष परिस्थिति में ही अन्य को प्रभार दिया जा सकेगा। प्रधानाध्यापक का प्रभार उन शिक्षकों को ही दिया जाएगा जिनके पास न्यूनतम पांच साल कार्य करने का अनुभव हो। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने पहली बार हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त रहने पर प्रभार में दूसरे शिक्षकाें को प्रधानाध्यापक बनाने के लिए मापदंड तय किया है। इससे पहले जिला शिक्षा पदाधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से शिक्षकों को प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया जाता था, जिससे अक्सर विवाद होता था। अब इसपर रोक लगेगी। उनकी मनमानी नहीं चलेगी।

शिक्षकों को प्रधानाध्यापक का प्रभार देने के लिए जो मापदंड तय किए गए हैं, उसके अनुसार उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में सर्वप्रथम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित वरीयतम माध्यमिक शिक्षक को ही प्रभार मिलेगा। स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक के अभाव में वरीयतम स्नातक प्रशिक्षित को प्रभार दिया जाएगा। यदि किसी ऐसे स्कूल में माध्यमिक शिक्षक पदस्थापित नहीं है तो इसके प्रारंभिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों में वरीयतम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित को प्रभार दिया जाएगा।

इसमें भी स्नातकोत्तर प्रशिक्षित नहीं होने पर वरीयतम स्नातक प्रशिक्षित को प्रभार दिया जाएगा। स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक भी नहीं होने पर वरीयतम प्राथमिक शिक्षक को प्रभार दिया जाएगा। इसी तरह, राजकीय, राजकीयकृत एवं प्रोजेक्ट विद्यालयों के मामले में वरीयतम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित को प्रभार दिया जाएगा। इसके अभाव में वरीयतम स्नातक प्रशिक्षित को प्रभार दिया जाएगा।

प्लस टू स्कूलों में सभी कक्षाओं के लिए (प्लस टू सहित) पदस्थापित स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक में आपसी वरीयता के आधार पर वरीयतम शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया जाएगा। वैसे प्लस टू स्कूलों जहां प्लस टू स्तर तक के कोई स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक कार्यरत न हो वहां माध्यमिक स्तर के स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों के अभाव में आपसी वरीयता के आधार पर वरीयतम स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक को प्रभार दिया जाएगा।

स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक के अभाव में अन्य वरीयतम शिक्षक को प्रभार दिया जाएगा। यह भी मापदंड तय किया गया है कि कक्षा नौ से बारह तक संचालित स्कूलों में यदि स्नातकोत्तर प्रशिक्षित या स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक न हों तो पास के दूसरे स्कूलों से स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक को प्रतिनियुक्त कर प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य करने के लिए अधिकृत किया जाएगा। इसमें अधिकांश पद रिक्त हैं।

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