Jharkhand News: वेतन नहीं देने वाली बिजली आउटसोर्सिंग कंपनियों पर होगी कार्रवाई, श्रमिक संघ ने भी दी चेतावनी

Jharkhand News Electricity Department बिजली विभाग की आउटसोर्स कंपनियों पर नकेल कसी जाएगी। तकनीकी श्रमिक संघ ने भी विरोध जताया है। कहा गया है कि मुख्यालय का घेराव करेंगे। विद्युत सप्लाई तकनीकी श्रमिक संघ के सदस्यों ने आपात बैठक कर चेतावनी दी है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 06:55 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 04:16 PM (IST)
Jharkhand News: वेतन नहीं देने वाली बिजली आउटसोर्सिंग कंपनियों पर होगी कार्रवाई, श्रमिक संघ ने भी दी चेतावनी
Jharkhand News, Electricity Department बिजली विभाग की आउटसोर्स कंपनियों पर नकेल कसी जाएगी।

रांची, राज्य ब्यूरो। बिजली की विभिन्न कंपनियों में कार्यरत वैसे आउटसोर्सिंग कंपनियों पर नकेल कसने की तैयारी है, जिनके खिलाफ भुगतान लेने के बावजूद अपने कर्मियों को वेतन नहीं देने का आरोप है। ज्यादातर विद्युत आपूर्ति क्षेत्र में इस बाबत शिकायतें मिलने के बाद मुख्यालय ने इस पर विस्तृत जानकारी तलब की है। रिपोर्ट मिलने के बाद आउटसोर्सिंग कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई होगी और उन्हें काली सूची में डाला जाएगा। जिन आउटसोर्सिंग कंपनियों की शिकायत मिली है, उनका भी पक्ष मांगा गया है।

उधर आउटसोर्स कर्मियों का वेतन लंबित किए जाने के खिलाफ कर्मी गोलबंद हो रहे हैं। विद्युत सप्लाई तकनीकी श्रमिक संघ ने ऊर्जा विकास निगम को तत्काल कार्रवाई के लिए दबाव बनाया है। चेतावनी दी गई है कि अगर आउटसोर्सिंग कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो कर्मी काम बंद करेंगे और निगम मुख्यालय का घेराव किया जाएगा। विद्युत सप्लाई तकनीकी श्रमिक संघ की आपात बैठक में अध्यक्ष भानु कुमार ने आरोप लगाया कि ऐसा निगम की मिलीभगत से हो रहा है।

आउटसोर्स कंपनियां कर्मियों का शोषण कर रही हैं। कार्य करने के बावजूद महीनों से उनका वेतन लंबित है। इस संबंध में श्रम विभाग को भी अवगत कराया जाएगा। वेतन भुगतान नहीं होने से कर्मियों के समक्ष आर्थिक संकट हो गया है। इसकी शिकायत और विरोध करने वाले कर्मियों को आउटसोर्स कंपनियां नौकरी से निकाल रही हैं। पूर्व में कई एजेंसियों को काली सूची में डाला गया है।

हजारीबाग से टाप ग्रुप कंपनी कर्मियों का करोड़ों रुपया लेकर भाग चुकी है। आउटसोर्स कंपनियां सुरक्षा संबंधी मानकों का भी उल्लंघन करती हैं। कई कंपनियां कर्मियों को रखने के एवज में पैसे वसूलती हैं, जो नियमों के विपरीत है। ज्यादातर एरिया बोर्ड में ऐसी शिकायतें हैं और अधिकारी इसकी समाधान करने के लिए तत्पर नहीं दिखते। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स पर रखने की बजाय निगम स्थायी बहाली करने की दिशा में प्रक्रिया को आगे बढ़ाए।

chat bot
आपका साथी