नजर लागी राजा तोरे बंगले पर... हेमंत सरकार के पैतरे से सियासी गलियारे में खलबली; आप भी जानिए
भाजपा सरकार में मंत्री और विधायक रहे नेताओं ने पुराना सरकारी आवास खाली नहीं किया है। इस कारण नई सरकार के नए मंत्रियों और चुनाव जीतकर पहुंचे विधायकों को आवास नहीं मिल सके हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand news live story बोकारो के विधायक विरंची नारायण और हटिया के विधायक नवीन जायसवाल ने सरकारी आवास खाली कराने के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। भाजपा के दोनों विधायकों ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर कोरोना संक्रमण के दौर में आवास खाली कराने को लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन बताया है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना काल में आवास खाली करना केंद्र सरकार से जारी गाइडलाइन का उल्लंघन है। वहीं, जिस सक्षम पदाधिकारी ने यह आदेश दिया वह गैर कानूनी है और अधिकार क्षेत्र से बाहर है। हाई कोर्ट से आवास खाली कराने के आदेश को रद करने की मांग की गई है।
बादल, जगरनाथ समेत कई मंत्री व विधायक नए आवास में नहीं हो सके हैैं काबिज
पिछली भाजपा सरकार में मंत्री और विधायक रहे कई नेताओं ने अभी तक पुराना सरकारी आवास खाली नहीं किया है। इस कारण इस बार चुनाव जीतकर पहुंचे विधायकों और नई सरकार के कई नए मंत्रियों को आवास नहीं मिल सके हैं। आवास आवंटित होने के बावजूद ये अपने नए आवासों में अभी तक नहीं पहुंच सके हैं। ऐसे लोगों में झामुमो मंत्री जगरनाथ महतो और बादल पत्रलेख भी शामिल हैं। तमाम मामलों में भवन प्रमंडल, रांची ने विधायकों और पूर्व मंत्रियों को नोटिस जारी कर खाली कराने को कहा है।
नवीन जायसवाल के नाम आवंटित आवास को पूर्व विधायक कुशवाहा ने खाली किया
बताते हैं कि पूर्व मंत्री डॉ. नीरा यादव ने भी अभी तक अपना आवास खाली नहीं किया है। यही आवास जगरनाथ महतो को आवंटित है। उधर मंत्री बादल पत्रलेख को जो आवास आवंटित किया गया है उसमें जेबी तुबिद रह रहे थे। यह आवास खाली हो चुका है और शीघ्र ही बादल इसमें प्रवेश कर जाएंगे। कांग्रेस के विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी को जो आवास आवंटित किया गया है, उसमें राकेश प्रसाद रह रहे थे।
बाउरी का आवास देखने पहुंच गए थे चंपई के पुत्र
आवंटित आवास पर जल्द से जल्द काबिज हो जाने और पुराना आवास खाली नहीं करने की जिद का मंजर फरवरी महीने में पूर्व मंत्री अमर बाउरी के आवास पर देखने को मिला था। हेमंत सरकार में मंत्री चंपई सोरेन के नाम यह आवास आवंटित किया गया तो चंपई के पुत्र पूर्व मंत्री अमर बाउरी के घर पहुंचकर वहां रह रहे गार्ड और कर्मचारियों से आवास खोलकर दिखाने की जिद करने लगे थे। इस मामले में थाने में भी शिकायत की गई थी।
शनिवार को नोटिस देकर प्रशासन ने दी थी बलपूर्वक आवास खाली कराने की चेतावनी
सदर एसडीओ लोकेश मिश्रा की ओर से पूर्व मंत्री रणधीर सिंह, पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, विधायक विरंची नारायण और विधायक नवीन जायसवाल को सरकारी आवास खाली करने के लिए दिए गए नोटिस के मंगलवार को 72 घंटे पूरे हो जाएंगे। इसके बाद जिला प्रशासन कड़ा एक्शन ले सकता है।
इसके पूर्व भवन प्रमंडल रांची-1 के कार्यपालक अभियंता ने दो बार सभी पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायक व विधायक को पत्र लिखकर सरकारी आवास खाली करके भवन प्रमंडल को सुपुर्द करने का आग्रह किया था। दोनों बार कोई भी सकारात्मक उत्तर न मिलने और आवास खाली न किए जाने के बाद भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने अनुमंडल पदाधिकारी रांची से बलपूर्वक आवास खाली कराए जाने के लिए दंडाधिकारी और पुलिस बल की मांग की थी।
कार्यपालक अभियंता का यह पत्र मिलने के बाद एसडीओ ने खुद एक बार और सभी पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायक व विधायक को नोटिस देकर स्वत: सरकारी आवास खाली करने के लिए 72 घंटे का समय दिया। साथ में चेतावनी भी दी कि स्वत: सरकारी आवास खाली नहीं करने पर प्रशासन बलपूर्वक आवास खाली कराएगा। इस नोटिस और चेतावनी के भी मंगलवार को 72 घंटे पूरे हो जाएंगे। अनुमंडल पदाधिकारी लोकेश मिश्रा ने कहा कि नोटिस का समय बीत जाने के बाद भवन प्रमंडल से मंतव्य लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।