Jharkhand E Pass: पहले दिन ही सुस्त हुआ ई-पास बनाने का सर्वर, पास बनने में देरी से ठप रहा कारोबार
Jharkhand Lockdown E Pass Ranchi Hindi News शनिवार की रात से सुस्त रफ्तार जारी थी। रविवार के दोपहर तक कारोबार ठप रहा। दोपहर बाद काम शुरू हुआ लेकिन सुस्त रफ्तार के सामने आम लोग घुटने टेक रहे थे।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में लोगों को ई-पास बनवाने के लिए बना सर्वर आवेदनों का बोझ नहीं उठा पा रहा है। यही कारण है कि कभी घंटों इसकी रफ्तार धीमी रहती है तो कभी घंटों काम ही नहीं करता। सरकार भी अधिकृत तौर पर सर्वर की धीमी रफ्तार को स्वीकार कर रही है लेकिन सर्वर के क्रैश करने जैसी बातों से इन्कार है। कुल मिलाकर सर्वर ई-पास के लिए पहुंचे आवेदनों का बोझ नहीं उठा पाया। इसके बावजूद रविवार शाम तक 2.10 लाख पास बन चुके थे। एक दिन पहले शनिवार की रात तक यह आंकड़ा 1.2 लाख पास तक सीमित था।
शनिवार की शाम से ही धीमी रफ्तार से काम कर रहा सर्वर रविवार की सुबह में साफ तौर पर बंद हो गया। कुछ ही देर में विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इससे संबंधित सूचनाएं चलने लगीं। सरकार हरकत में आई तो भी व्यवस्था को ठीक होते-होते दोपहर हो गया। इसके बाद एक बार फिर पास बनना शुरू हुआ तो शाम तक आंकड़ा 2.10 लाख पास की संख्या को पार कर गया था। राज्य सूचना पदाधिकारी के अनुसार वेबसाइट को मिले हिट के कारण ही सर्वर स्लो हो गया है लेकिन बाद में इसे दुरुस्त कर लिया गया।
बड़ी कंपनियों के कर्मियों के लिए चलेंगी बसें
सरकार ने पूर्व के आदेश में संशोधन करते हुए राज्य के उन बड़े उद्योगों को राहत दी है जिनके कर्मी बसों से काम करने पहुंचते हैं। ऐसी बसों के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी को अधिकृत किया गया है और वे अपने स्तर से इन बसों को अनुमति प्रदान करेंगे। बसों के संचालकों को कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इन बसों में संक्रमित कर्मी आना-जाना नहीं करें।
समाचार पत्र विक्रेताओं पर रोक नहीं
राज्य में कहीं भी समाचार पत्र विक्रेताओं के आवागमन पर रोक नहीं लगाई गई है। सूत्रों के अनुसार पुलिस को भी ऐसे लोगों को नहीं रोकने का मौखिक निर्देश दिया गया है। ऐसे भी साइकिल से निकलने के लिए किसी प्रकार के पास की जरूरत नहीं है लेकिन जो समाचार पत्र विक्रेता दोपहिया वाहनों से निकलते हैं, उन्हें नहीं रोका जाएगा। रोज सुबह समाचार पत्र विक्रेता अपने समय से निकलकर तयशुदा इलाकों में जा सकेंगे।
वैक्सीन लेने, दवा खरीदने और शव यात्रा के लिए पास जरूरी नहीं
राज्य सरकार ने ई-पास के लिए बने प्रावधानों में संशोधन करते हुए नया आदेश जारी किया है जिसके अनुसार दवा खरीदने, वैक्सीन लेने, चिकित्सीय जांच कराने, शारीरिक जांच आदि चिकित्सीय कार्यों के लिए अस्पताल जानेवाले लोगों को पास बनवाने की जरूरत नहीं होगी। इसी प्रकार शवयात्रा में शामिल लोगों के लिए भी पास बनवाने की आवश्यकता नहीं होगी। इन कार्यों के लिए लोग अपने निजी वाहनों से आना जाना कर सकेंगे। सरकार के संशोधित आदेश में खरीदारी के लिए समय भी बढ़ाया गया है और अब दो घंटे की जगह तीन घंटे खरीदारी के लिए दिए गए हैं।
सूझबूझ से हल्का हो सकता था बोझ
सरकार ने जिन कार्यों को अनुमति दी है, उसके लिए भी कर्मियों को पास बनवाने की अनिवार्यता से परेशानी बढ़ गई है। जो उद्योग चल रहे हैं, उसके लिए प्रबंधन के पत्र को पास माना जा सकता था तो सरकारी कर्मियों के खुद के पहचान पत्र से यह काम हो सकता था। पास बनवाने की बाध्यता सिर्फ आम लोगों के लिए होती तो इतना बोझ नहीं बढ़ता।