झारखंड हाई कोर्ट ने तरेरी आंखें, निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो कराएंगे सीबीआई जांच...

Jharkhand High Court झारखंड हाईकोर्ट ने रेमडेसिवीर और कोरोना की अन्य जरूरी दवाओं की कालाबाजारी की निष्पक्ष जांच का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि जांच में किसी प्रकार की कोताही या गड़बड़ी मिली तो इसकी जांच सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से भी करायी जा सकती है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 09:28 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 03:36 AM (IST)
झारखंड हाई कोर्ट ने तरेरी आंखें, निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो कराएंगे सीबीआई जांच...
Jharkhand High Court: झारखंड हाईकोर्ट ने रेमडेसिवि‍र और कोरोना की दवाओं की कालाबाजारी की निष्पक्ष जांच का निर्देश दिया है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand High Court झारखंड हाईकोर्ट ने रेमडेसिवीर और कोरोना की अन्य जरूरी दवाओं की कालाबाजारी की जांच में कोताही नहीं बरतने और निष्पक्ष जांच करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि इस मामले की मॉनिटरिंग की जा रही है और जांच में किसी प्रकार की कोताही या गड़बड़ी मिली तो इसकी जांच सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से भी करायी जा सकती है। कोरोना से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए गुरुवार को चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने गुरुवार को यह मौखिक टिप्पणी की। इस मामले में सरकार की ओर से जांच की सीलबंद रिपोर्ट भी पेश की गयी। अदालत ने इस मामले कोई निर्देश नहीं दिया और सुनवाई अगले सप्ताह निर्धारित की। अदालत ने अगले सप्ताह इस मामले पर विस्तृत सुनवाई की बात कही।

महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सीआईडी जांच कर रही है और जांच में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं होगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। कालाबाजारी पर सरकार सख्त है और सभी जिलों में इस पर कार्रवाई हो रही है। कालाबाजारी करने वाले पकड़े भी जा रहे हैं और उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया जा रहा है। पिछले सप्ताह कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सात प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। पुलिस और प्रशासन भी इस मामले में अपने स्तर से कालाबाजारी और जमाखोरी करने वालों पर नजर रख रही है।

एचईसी के पास खाली बेड और स्टोरेज टैंक नहीं

सुनवाई के दौरान एचईसी की ओर से बताया गया कि उसके पास अस्पताल नहीं है। अस्पताल भवन को एक निजी कंपनी को लीज पर दे दिया गया है। प्लांटों में ऑक्सीजन स्टोरेंज टैंक भी नहीं है। इस कारण वह सदर अस्पताल को टैंक उपलब्ध नहीं करा सकता। हाईकोर्ट ने छह मई को सरकार से एचईसी से जानकारी लेकर यह बताने को कहा था कि एचईसी के अस्पताल भवन में जो खाली बेड हैं वहां आइसोलेशन सेंटर बनाया जा सकता है या नहीं। 

chat bot
आपका साथी