हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी- अतिक्रमण करने वाले कितने भी शक्तिशाली क्यों न हो, उसके खिलाफ कार्रवाई हो

Jharkhand News अदालत ने कहा कि कोर्ट की नजर में सभी समान हैं। बड़ा तालाब सहित सभी अन्य जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई। कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 07:39 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 07:55 PM (IST)
हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी- अतिक्रमण करने वाले कितने भी शक्तिशाली क्यों न हो, उसके खिलाफ कार्रवाई हो
Jharkhand News अदालत ने कहा कि कोर्ट की नजर में सभी समान हैं।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डाॅ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में बड़ा तालाब सहित सभी अन्य जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि अतिक्रमण करने वाले कितने शक्तिशाली और प्रभावशाली क्यों न हो, उसके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। अतिक्रमण हटाने में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण किया गया है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इसके बाद अदालत ने रांची नगर निगम से बड़ा तालाब के किनारे बनने वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। मामले में अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि बड़ा तालाब में अभी भी नालों का दूषित जल जा रहा है। इससे तालाब का पानी खराब हो रहा है। इससे बचाने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाना था, लेकिन डेढ़ साल बाद भी इस पर कोई काम नहीं हुआ है।

नगर निगम की ओर से बताया गया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए टेंडर जारी किया गया है। अदालत ने नगर निगम को अगले सप्ताह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। इस मामले में हस्तक्षेप याचिका दाखिल करने वाले नसीमुद्दीन अंसारी की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि अगर हीनू नदी के किनारे उनकी जमीन है, तो इससे संबंधित मूल दस्तावेज कोर्ट में पेश किया जाए। अदालत ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण होने से इको सिस्टम प्रभावित हो रहा है।

कई लोग नदी, डैम और दूसरे सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण कर निर्माण कर चुके हैं। इनमें कई लोग प्रभावशाली भी होते हैं। कोर्ट की नजर में हर कोई एक समान है और सभी के साथ एक जैसी ही कार्रवाई की जानी चाहिए। अदालत ने नगर निगम को अतिक्रमण करने वालों के साथ सख्ती से पेश आने और अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया। बता दें कि रांची के बड़ा तालाब एवं अन्य जलस्रोतों को संरक्षित करने एवं हो रहे अतिक्रमण को हटाने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि बड़ा तालाब, कांके डैम एवं धुर्वा डैम के किनारे अतिक्रमण कर भवन बनाया जा रहा है, इसे हटाया जाना चाहिए।

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