Jharkhand: हाई कोर्ट ने तरेरी आंखें, हेमंत सरकार के मुख्य सचिव, गृह सचिव और स्वास्थ्य सचिव को अवमानना नोटिस
Jharkhand News Samachar झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के मुख्य सचिव गृह सचिव और स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है। अदालत ने सख्ती दिखाते हुए अधिकारियों से पूछा है कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरु की जाए।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News Samachar झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस केपी देव की पीठ ने आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर मुख्य सचिव, गृह सचिव और स्वास्थ्य सचिव को अवमानना का नोटिस जारी किया है। अदालत ने तीनों अधिकारियों से पूछा है कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरु की जाए। इस मामले में अगली सुनवाई 13 अप्रैल को निर्धारित की गई है। इससे पहले तीनों अधिकारियों को अलग-अलग शपथ पत्र के माध्यम से अपना जवाब कोर्ट में दाखिल करना है और ऑनलाइन हाजिर भी होना है।
दरअसल, धनबाद से जुड़े एक मामले में चिकित्सक डा स्वप्न कुमार सरक ने गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट दी थी। इस मामले में अदालत ने मुख्य सचिव, गृह सचिव और स्वास्थ्य सचिव को ऑनलाइन हाजिर होने का आदेश दिया था। लेकिन बिना उचित कारण अधिकारियों के अदालत में पेश नहीं होने पर अदालत ने नाराजगी जताई हुए अवमानना नोटिस जारी किया है।
इस दौरान अदालत ने नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) के अस्पष्ट शपथ पत्र पर भी नाराजगी जताई। एनएमसी ओर से पेश हुए वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व अपराजिता भारद्वाज ने कहा कि इस मामले में उनके खिलाफ अवमानना का मामला नहीं बनता है। इस पर कोर्ट ने एनएमसी को इस मामले में स्पष्ट शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।
यह है पूरा मामला
अदालत धनबाद के बरवड्डा थाना क्षेत्र के रहने वाले बशीर अंसारी की अग्रिम जमानत पर सुनवाई चल रही है। इन पर अपनी बहू अंजू बानो को वर्ष 2018 में आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। सुनवाई के क्रम में अदालत को पता चला कि ससुराल पक्ष का दावा है कि शादी से पहले ही अंजू बानो गर्भवती थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका कोई जिक्र नहीं है।
ससुराल पक्ष की ओर से गर्भवती होने से संबंधित रिपोर्ट अदालत में पेश किए जाने के बाद कोर्ट ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच के लिए पीएमसीएच के अधीक्षक को एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया। उस दौरान झारखंड मेडिकल काउंसिल ने बताया था कि चिकित्सक स्वप्न कुमार सरक की गलती के वजह से पोस्टमार्टम रिपोर्ट गलत बनी है। वह उनके यहां रजिस्टर्ड नहीं है। इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।