झारखंड में सहायक प्रोफेसरों के रिक्‍त पदों को लेकर हाई कोर्ट नाराज, शिक्षा विभाग से विस्‍तृत रिपोर्ट तलब

Jharkhand High Court News अदालत ने कहा कि सिर्फ शिक्षा विभाग में ही नहीं बल्कि सभी विभागों में संविदा से बहाली हो रही है। कोर्ट ने विस्तृत जानकारी 15 दिसंबर तक अदालत में उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 02:15 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 02:18 PM (IST)
झारखंड में सहायक प्रोफेसरों के रिक्‍त पदों को लेकर हाई कोर्ट नाराज, शिक्षा विभाग से विस्‍तृत रिपोर्ट तलब
Jharkhand High Court News कोर्ट ने विस्तृत जानकारी 15 दिसंबर तक अदालत में उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड हाई कोर्ट में संविदा पर सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। इस मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने कड़ी टिप्पणी की है। जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने कहा कि राज्य को बने 20 साल हो गए, लेकिन अभी भी राज्य के महत्वपूर्ण पदों पर संविदा के जरिए ही बहाली हो रही है, जो कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के विभिन्न आदेशों के खिलाफ है।

अदालत ने कहा कि सिर्फ शिक्षा विभाग में ही यह नौबत नहीं है, बल्कि सभी विभागों में ऐसी ही स्थिति देखने को मिल रही है। इसके बाद अदालत ने राज्य सरकार से और झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों को प्रतिवादी बनाते हुए पूछा है कि सहायक प्रोफेसर के कितने पद रिक्त हैं और कितने पद सृजित हैं। साथ ही वर्तमान में कितने पद पर लोग कार्यरत हैं। इसकी विस्तृत जानकारी 15 दिसंबर तक अदालत को उपलब्ध कराई जाए।

बता दें कि इस संबंध में ब्रह्मानंद साहू सहित अन्य 64 लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनके अधिवक्ता चंचल जैन की ओर से बताया गया कि वर्ष 2017 से सभी लोग सहायक प्रोफेसर के पद पर संविदा के जरिए कार्यरत हैं। लेकिन मार्च 2021 में राज्य सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर फिर से संविदा के जरिए ही सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस पर रोक लगाने की मांग की गई है।

chat bot
आपका साथी