सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में स्थायीकरण पर विचार करे एलआइसी
राची झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में एलआइसी में कार्यरत दैनिककíमयों की सेवा स्थायीकरण को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका निष्पादित कर दी। लेकिन अदालत ने कहा कि उमा देवी व एनके तिवारी मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के आलोक में दैनिककíमयों के स्थायीकरण पर एलआइसी विचार कर आदेश पारित करे। अदालत ने प्राíथयों को फिर से एलआइसी को सेवा स्थायी करने के लिए अपना आवेदन देने को कहा।
राची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में एलआइसी में कार्यरत दैनिककíमयों की सेवा स्थायीकरण को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका निष्पादित कर दी। लेकिन, अदालत ने कहा कि उमा देवी व एनके तिवारी मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के आलोक में दैनिककíमयों के स्थायीकरण पर एलआइसी विचार कर आदेश पारित करे। अदालत ने प्राíथयों को फिर से एलआइसी को सेवा स्थायी करने के लिए अपना आवेदन देने को कहा।
सुनवाई को दौरान प्राíथयों की ओर से अधिवक्ता विजय शकर प्रसाद ने बताया कि एलआइसी के जमशेदपुर मंडल के अधीन पिछले 10 वर्षो से अधिक समय से दैनिककर्मी के रूप में कार्यरत हैं। सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न मामलों में दैनिककíमयों की सेवा स्थायी करने के मामले में आदेश पूर्व में दिया है। सेवा स्थायी करने के लिए आदेश देने का आग्रह किया। इस पर अदालत ने प्राíथयों के आवेदन पर एलआइसी को विचार करने का निर्देश दिया। एलआइसी की ओर से अधिवक्ता सचिन कुमार ने पक्ष रखा। बता दें कि कि उदय शकर आर्या व अन्य ने सेवा स्थायी करने की माग को लेकर याचिका दाखिल की थी।
-------------- राज्य उपभोक्ता आयोग में भी ऑनलाइन होगी सुनवाई
राची : झारखंड राज्य उपभोक्ता आयोग में लंबित वादों पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई होने की संभावना है। इसको लेकर अधिवक्ताओं ने आयोग के अध्यक्ष जस्टिस तपन सेन के साथ ऑनलाइन बैठक की। इस दौरान अधिवक्ता सचिन कुमार, आशुतोष आनंद, प्रवीण जायसवाल, निखिल आनंद, विजय शर्मा तथा मनोज कुमार ने आयोग में ऑनलाइन सुनवाई की माग की। अधिवक्ता सचिन कुमार ने बताया कि वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से बिना फाइल खोले वाद की सुनवाई हो सकती है। इस पर आयोग के अध्यक्ष ने अगले सप्ताह से लंबित वादों का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करने का आश्वासन दिया।
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