हाई कोर्ट ने रांची एसएसपी को दिया निर्देश, वकील की जमीन पर निर्माण रोकें व आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें

Jharkhand News Ranchi SSP Hindi News अदालत ने इस मामले में महाधिवक्ता को भी निर्देश लेकर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में अधिवक्ता स्वीटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 05:21 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 06:29 PM (IST)
हाई कोर्ट ने रांची एसएसपी को दिया निर्देश, वकील की जमीन पर निर्माण रोकें व आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें
Jharkhand News, Ranchi SSP, Hindi News इस संबंध में अधिवक्ता स्वीटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में मंगलवार को एक वकील की जमीन पर जबरन कब्जा करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने रांची के एसएसपी को जमीन पर चल रहा निर्माण कार्य बंद कराने और आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर बुधवार को अदालत को सूचित करने का निर्देश दिया है। अदालत ने इस मामले में महाधिवक्ता को भी निर्देश लेकर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

इस संबंध में अधिवक्ता स्वीटी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। प्रार्थी की ओर से पक्ष रखते हुए एडवोकेट एसोसिएशन की अध्यक्ष ऋतु कुमार और नलिनी झा ने अदालत को बताया कि प्रार्थी की माता ने वर्ष 1986 में गुटुवा मौजा में प्लाट संख्या 12 और खाता क्रमांक संख्या 174 की जमीन खरीदी थी। जमीन पर कुछ लोग कब्जा कर रहे हैं। इसके खिलाफ उन्होंने पुलिस से शिकायत की थी और प्राथमिकी दर्ज करने को कहा था। लेकिन पुलिस ने अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।

इसके बाद प्रार्थी ने रांची के एसएसपी को भी इसकी सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अदालत को बताया गया कि जमीन लेने के बाद उनकी माता का निधन हो गया था। कोरोना काल में उनके पिता का भी निधन हो गया। अभी वह अपने भाई के साथ रहती हैं। जमीन हड़पने का प्रयास करने वाले काफी कोशिश कर रहे हैं। जबकि उन्होंने पुलिस से इसकी कई बार शिकायत की और जमीन का सीमांकन करने का भी आग्रह किया, लेकिन पुलिस अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि न्यायालय के संज्ञान में लाई गई इस असाधारण स्थिति को देखकर न्यायालय मूकदर्शक नहीं रहेगा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि कानून और व्यवस्था की स्थिति राज्य का विषय है और न्यायालय का इससे कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन साथ ही यदि न्यायालय के किसी अधिकारी को इस तरह परेशान किया जा रहा है, तो न्यायालय हस्तक्षेप करने के लिए बाध्य है।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि याचिकाकर्ता द्वारा लिखित शिकायत के बावजूद रातू पुलिस प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रही है। याचिका में लगाए गए आरोप बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं। अदालत ने रांची के एसएसपी को अदालत के आदेश का पालन कर बुधवार को सुबह 10.30 बजे तक सूचित करने का निर्देश दिया।

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