रेमडेसि‍विर कालाबाजारी मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने राजीव सिंह को दी जमानत Ranchi News

Remdesivir Black Marketing Jharkhand News कोरोना वायरस की दवा रेम‍डेसिविर इंजेक्‍शन की कालाबाजारी मामले में आरोपित राजीव कुमार सिंह को आज झारखंड हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। राजीव एक मई 2021 से जेल में बंद है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 05:03 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 08:28 PM (IST)
रेमडेसि‍विर कालाबाजारी मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने राजीव सिंह को दी जमानत Ranchi News
Remdesivir Black Marketing, Jharkhand News राजीव एक मई 2021 से जेल में बंद है।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। रेमडेसि‍विर दवा की कालाबाजारी मामले में मुख्य आरोपी राजीव कुमार सिंह बड़ी राहत मिली है। आज मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट ने राजीव कुमार को जमानत दे दी है। जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने 10-10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर राजीव को रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत ने राजीव सिंह की कस्टडी को देखते हुए जमानत की सुविधा प्रदान की है। राजीव सिंह एक मई 2021 से जेल में बंद है। बता दें कि कोरोना वायरस की दवा रेमडेसिविर की रांची में कालाबाजारी हुई थी। इस मामले में पुलिस ने राजीव सिंह को गिरफ्तार किया था।

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत में रेमडेसिविर की कालाबाजारी मामले में मुख्य आरोपित राजीव कुमार सिंह की जमानत पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राजीव कुमार सिंह की कस्टडी अवधि को देखते हुए जमानत याचिका मंजूर कर ली। अदालत ने इनको दस-दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया। राजीव कुमार सिंह करीब पांच माह से जेल में बंद हैं। राजीव सिंह ने निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

सुनवाई के दौरान उनकी ओर से वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार ने अदालत को बताया कि उन्होंने इस मामले में कोई कालाबाजारी नहीं की है। उनके पास से रेमडेसिविर दवा भी बरामद नहीं हुई है। उन्होंने लोगों की मदद के लिए दवा खरीदकर दी है। इसके अलावा वे पांच माह से जेल में बंद हैं और इस मामले में उनके खिलाफ निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। ऐसे में उन्हें जमानत मिलनी चाहिए।

इसके बाद अदालत ने उनकी हिरासत अवधि को देखते हुए जमानत प्रदान कर दी। बता दें कि कोरोना काल में जब रेमडेसिविर को लेकर संकट पैदा हो गया था, तो कालाबाजारी किए जाने की जानकारी मिली थी। इसके बाद इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था और मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया है। इसका नेतृत्व एडीजी अनिल पाल्‍टा कर रहे हैं।

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