Jharkhand HC: फोन पर बात करने में महिला सिपाही हुई थी बर्खास्त, हाई कोर्ट ने कहा- कोई गुनाह नहीं किया बहाल करें
Jharkhand High Court. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए उसके आदेश को निरस्त कर दिया और महिला सिपाही को तुरंत बहाल करने का निर्देश दिया।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand High Court - झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने मोबाइल फोन पर बात करने पर महिला सिपाही को बर्खास्त करने के मामले में राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है। अदालत ने महिला सिपाही के बर्खास्त करने के आदेश को निरस्त कर दिया और मौखिक रूप से कहा कि किसी से मोबाइल फोन पर बात करना गुनाह है क्या? गुमनाम पत्र पर इतनी बड़ी कार्रवाई करना उचित नहीं है।
दरअसल जैप-10 की महिला सिपाही शांति देवी ने इस संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिसमें सेवा से बर्खास्त करने के सरकार के आदेश को चुनौती दी गई है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने अदालत को बताया कि पुलिस मैन्युअल नियम 1212 में स्पष्ट किया गया है कि किसी गुमनाम पत्र पर विभाग की ओर से संज्ञान नहीं लिया जा सकता है। साथ ही सूचना लीक करने के आरोप को भी साबित नहीं किया जा सका है। इसके बाद अदालत ने महिला सिपाही के बर्खास्तगी के आदेश को निरस्त करते हुए नौकरी में बहाल करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि शांति देवी जैप-10 महिला बटालियन में कांस्टेबल पद पर तैनात थी। विभागीय कार्यवाही के बाद 2014 में विभाग ने महिला सिपाही को यह कहते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया कि काम के दौरान वो फोन पर बात करती हैं और विभागीय सूचना भी लीक करती हैं। इस आदेश को अदालत में चुनौती दी गई थी।