झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता करेंगे आंदोलन, आनलाइन बुलाई गई बैठक; जानें पूरा मामला

Jharkhand High Court Supreme Court Ranchi Hindi Samachar दो सितंबर को शाम छह बजे सभी सदस्यों की वर्चुअल आम बैठक बुलाई गई है। अधिवक्‍ताओं ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रस्‍ताव का विरोध किया जाएगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 28 Aug 2021 04:09 PM (IST) Updated:Sat, 28 Aug 2021 08:14 PM (IST)
झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता करेंगे आंदोलन, आनलाइन बुलाई गई बैठक; जानें पूरा मामला
Jharkhand High Court, Hindi Samachar अधिवक्‍ताओं ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रस्‍ताव का विरोध किया जाएगा।

रांची, राज्य ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को ही हाई कोर्ट का जज नियुक्त करने के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रस्ताव और नए हाई कोर्ट परिसर में वकीलों के लिए पर्याप्त चैंबर की व्यवस्था नहीं किए जाने पर झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता आंदोलन शुरू करेंगे। इसके लिए हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने दो सितंबर को सभी सदस्यों की आम बैठक बुलाई है। यह वर्चुअल बैठक शाम छह बजे होगी।

एसोसिएशन की ओर से नोटिस में कहा गया है कि हाल के दिनों में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास किया है। इसमें कहा गया है कि देश के सभी हाई कोर्ट में अब सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को ही जज नियुक्त किया जाना चाहिए। यह प्रस्ताव पास कर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट को भी भेज दिया है और झारखंड हाई कोर्ट के लिए तीन नामों की सिफारिश भी कर दी है।

झारखंड हाई कोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ऋतु कुमार, महासचिव नवीन कुमार और कोषाध्यक्ष धीरज कुमार ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है और इसे अनुचित तथा अव्यवहारिक बताया है। तीनों ने एक संयुक्त पत्र जारी कर इसका विरोध करने का निर्णय लिया है और सभी सदस्यों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय करने की बात कही है।

एसोसिएशन के महासचिव नवीन कुमार ने कहा है कि झारखंड सरकार एक बार फिर वकीलों के साथ छलावा कर रही है। हाई कोर्ट के नए भवन में वकीलों के लिए करीब 500 चैंबर के लिए स्थान रखा है, जो काफी कम है। एसोसिएशन ने कम से कम 2000 चैंबर की मांग की थी। इसके लिए हाई कोर्ट भवन कमेटी और सरकार को भी पत्र लिखा था। लेकिन एसोसिएशन की मांगों पर विचार नहीं किया गया। नए हाई कोर्ट भवन के शेष कार्यों के लिए जो टेंडर जारी किया गया है, उसमें भी चैंबर के निर्माण का जिक्र नहीं किया गया है।

इससे प्रतीत होता है कि वकीलों की समस्याओं पर सरकार गंभीर नहीं है। लॉयर्स चैंबर के निर्माण के लिए एसोसिएशन की ओर से हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई थी, लेकिन सरकार और हाई कोर्ट ने भरोसा दिया था कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। इसके बाद इस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी गई थी। एसोसिएशन अब एक बार फिर याचिका पर सुनवाई के लिए हाई कोर्ट से आग्रह करेगा।

महासचिव नवीन कुमार ने कहा कि यदि वकीलों के लिए नए परिसर में पर्याप्त चैंबर नहीं बनाए गए, तो इसके विरोध में आंदोलन किया जाएगा। वकील काला बिल्ला लगाएंगे और उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो वह हाई कोर्ट के नए परिसर में नहीं जाएंगे। इन सारे बिंदुओं पर दो सितंबर को होने वाली बैठक में चर्चा कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।

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