सहायक पुलिसकर्मियों को राहत, 8000 शिक्षकों की भी जगी आस

राज्य सरकार के दो बड़े फैसलों से हजारों नौकरीपेशा राहत महसूस कर रहे हैं। 2500 सहायक पुलिसकर्मियों को सरकार ने दो साल सेवा विस्तार देने की घोषणा की है। वे पिछले कई दिनों से आंदोलनरत थे सरकार के आश्वासन के बाद बुधवार को उन्होंने अपना आंदोलन खत्म करने का एलान कर दिया है। वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियोजन नीति रद होने से खतरे में आई 8000 से अधिक शिक्षकों की नौकरियों को बचाने की भी पहल की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 01:21 AM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 05:15 AM (IST)
सहायक पुलिसकर्मियों को राहत, 8000 शिक्षकों की भी जगी आस
सहायक पुलिसकर्मियों को राहत, 8000 शिक्षकों की भी जगी आस

रांची : राज्य सरकार के दो बड़े फैसलों से हजारों नौकरीपेशा राहत महसूस कर रहे हैं। 2500 सहायक पुलिसकर्मियों को सरकार ने दो साल सेवा विस्तार देने की घोषणा की है। वे पिछले कई दिनों से आंदोलनरत थे, सरकार के आश्वासन के बाद बुधवार को उन्होंने अपना आंदोलन खत्म करने का एलान कर दिया है। वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियोजन नीति रद होने से खतरे में आई 8000 से अधिक शिक्षकों की नौकरियों को बचाने की भी पहल की है। बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में सीएम ने कहा कि राज्य सरकार नियोजन नीति पर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। सहायक पुलिस के संबंध में हेमंत ने कहा कि उनकी सेवा जारी रखने के लिए अवधि विस्तार का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है।

पेयजल स्वच्छता विभाग मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बुधवार को मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर दूसरी बार सहायक पुलिसकर्मियों के प्रतिनिधियों से वार्ता की। काफी समझाने-बुझाने और आश्वासन मिलने के बाद अंतत: आंदोलनकारी मान गए। मंत्री के बुलावे पर करीब 11 बजे आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल उनके आवास पहुंचा था। इस दौरान प्रतिनिधियों ने स्थायी नौकरी, वेतनमान, पुलिसकर्मियों की तरह सुविधा सहित आठ सूत्री मांग पत्र सौंपा।

सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों पर सीएम हेमंत सोरेन से बातचीत के बाद तत्काल दो साल के सेवा विस्तार की घोषणा की। वहीं, वेतनमान, पुलिस मैनुअल के अनुरूप छुट्टी और अन्य सुविधाओं के आकलन के लिए सचिव स्तर की कमेटी के गठन की भी घोषणा की। यह कमेटी 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार इसपर फैसला लेगी। दोपहर से शाम तक मान-मनौवल के बाद आखिरकार प्रतिनिधिमंडल मान गया और सभी सहायक पुलिसकर्मी अपने-अपने जिला लौट गए।

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प्राथमिकी वापस लेगी सरकार :

प्रतिनिधिमंडल में शामिल गिरिडीह के अजय कुमार मंडल ने सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों पर मंत्री से बिदुवार चर्चा की। सहमति के अनुसार सचिवस्तरीय कमेटी 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट देगी। उम्मीद है कि माह भर के भीतर सरकार की ओर से सकारात्मक कदम उठाया जाएगा। मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया है कि आंदोलन के दौरान 18 सितंबर को पुलिस से झड़प में जिन 31 सहायक पुलिसकर्मियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी, उसे वापस लिया जाएगा। वहीं, एक साल पहले गढ़वा में बर्खास्त किए गए चार सहायक पुलिसकर्मियों को दोबारा सेवा में ली जाएगी। वार्ता के बाद जिला प्रशासन की ओर से आंदोलनकारियों को उनके जिला भेजने के लिए बस की व्यवस्था की गई।

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ये हैं सहायक पुलिसकर्मियों की आठ सूत्री मांगें :

स्थायी नौकरी, 18 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय, पुलिस मैनुअल के अनुसार छुट्टी, डीए व अन्य भत्ता, किसी प्रकार की कार्रवाई से पूर्व सहायक पुलिस कर्मियों से स्पष्टीकरण की मांग, केवल गृह जिला में ड्यूटी, आंदोलन के दौरान सहायक पुलिसकर्मियों पर दर्ज प्राथमिकी वापस ली जाए।

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