राज्यपाल रमेश बैस होंगे झारखंड ओपेन यूनिवर्सिटी के चांसलर, जनवरी से शुरू होगी पढ़ाई

झारखंड के राज्यपाल राज्य में प्रस्तावित झारखंड राज्य खुला विश्वविद्यालय (ओपेन यूनिवर्सिटी) के चांसलर (कुलाधिपति) होंगे। राज्य में दूरस्थ माध्यम से पढ़ाई शुरू करने हेतु खुला विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए लाए जा रहे विधेयक में इसका प्रविधान किया गया है।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 07:55 AM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 07:55 AM (IST)
राज्यपाल रमेश बैस होंगे झारखंड ओपेन यूनिवर्सिटी के चांसलर, जनवरी से शुरू होगी पढ़ाई
राज्यपाल रमेश बैस होंगे झारखंड ओपेन यूनिवर्सिटी के चांसलर। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो । झारखंड के राज्यपाल राज्य में प्रस्तावित झारखंड राज्य खुला विश्वविद्यालय (ओपेन यूनिवर्सिटी) के चांसलर (कुलाधिपति) होंगे। राज्य में दूरस्थ माध्यम से पढ़ाई शुरू करने हेतु खुला विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए लाए जा रहे विधेयक में इसका प्रविधान किया गया है। यह विधेयक इसी मानसून सत्र में आएगा। सत्र के अंतिम दो दिनों आठ या नौ सितंबर को यह विधेयक सदन के पटल पर रखा जाएगा। उच्च, तकनीकी शिक्षा विभाग ने विधेयक पारित कराने के लिए फाइल विधि विभाग को भेज दी है।

जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पांच करोड़ रुपये वन टाइम ग्रांट उपलब्ध कराएगी। इसके बाद यह विश्वविद्यालय अपने खर्च से संचालित होगा। राज्य सरकार अगले वर्ष जनवरी माह से इस विश्वविद्यालय में कोर्स संचालित करने की तैयारी कर रही है। विधानसभा से बिल पारित होने के बाद पाठ्यक्रमों की मान्यता का प्रस्ताव विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भेजा जाएगा। बताया जाता है कि राज्य में प्रतिवर्ष लगभग दो लाख विद्यार्थी दूरस्थ माध्यम से शिक्षा प्राप्त करते हैं। इनमें 70 से 80 हजार विद्यार्थी सिर्फ बिहार के नालंदा खुला विश्वविद्यालय में लेते हैं।

स्नातक, स्नातकोत्तर के अलावा संचालित होंगे कौशल विकास से संबंधित कोर्स

झारखंड राज्य खुला विश्वविद्यालय में दूरस्थ माध्यम से स्नातक, स्नातकोत्तर के अलावा सर्टिफिकेट कोर्स संचालित किए जाएंगे। इनके अलावा रोजगार और कौशल विकास से संबंधित भी कई कोर्स संचालित होंगे। हालांकि शुरू में सीमित पाठ्यक्रमों के साथ इसकी शुरुआत होगी। प्रत्येक कोर्स का शुल्क एक हजार रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक रखा जाएगा।

अधिनियम लागू होने के बाद होगा पदसृजन

विधानसभा से विधेयक पारित होने के बाद उसपर राज्यपाल रमेश बैस से स्वीकृति ली जाएगी। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद झारखंड राज्य खुला विश्वविद्यालय अधिनियम लागू हो जाएगा। अधिनियम लागू होने के बाद कुलपति, प्रति कुलपति, रजिस्ट्रार व अन्य पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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