Girdhari Ram Ganjhu Death: गिरधारी गोंझू के इलाज में लापरवाही पर राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू नाराज

Girdhari Ram Ganjhu Death राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय क्षेत्रीय भाषा विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. गिरिधारी राम गोंझू के निधन पर गहरा दुःख एवं शोक व्यक्त किया है। उन्होंने उनके इलाज में बरती गई लापरवाही पर अत्यंत रोष व्यक्त किया है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 09:28 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 11:34 PM (IST)
Girdhari Ram Ganjhu Death: गिरधारी गोंझू के इलाज में लापरवाही पर राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू नाराज
Girdhari Ram Ganjhu Death: गिरधारी गोंझू के इलाज में लापरवाही पर राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू नाराज।

रांची, राज्य ब्यूरो। Girdhari Ram Ganjhu Death राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय क्षेत्रीय भाषा विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. गिरिधारी राम गोंझू के निधन पर गहरा दुःख एवं शोक व्यक्त किया है। उन्होंने उनके इलाज में बरती गई लापरवाही पर अत्यंत रोष व्यक्त किया है। उन्हें जानकारी मिली थी कि समय पर उन्हें बेड उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण उनकी मौत हो गई। राज्यपाल ने कोरोना से लड़ने तथा मरीजों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को पूरी सक्रियता से कार्य करने को कहा है।

उन्होंने कहा कि इस महामारी से कैसे बेहतर तरीके से सामना किया जा सके, इस पर सरकारी व निजी अस्पतालों को संकल्प के साथ आगे आना होगा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को कोरोना जांच की गति में तेजी लाने को भी कहा है। साथ ही कोरोना जांच रिपोर्ट समय पर नहीं मिलने तथा बड़ी संख्या में सैंपल लंबित रहने पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि यह विभाग की खराब कार्यशैली को दर्शाता है।

उन्होंने टेस्टिंग, टेस्टिंग रिपोर्ट और उपचार तीनों बिंदुओं पर ध्यान देने की अत्यंत आवश्यकता बताई। उन्होंने गिरधारी राम गौंझू के निधन पर कहा कि हमने कोरोना महामारी के बीच उनके जैसे विद्वान को खो दिया। वे जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के विकास के प्रति सतत प्रयासरत रहते थे। रांची विश्वविद्यालय को उनके सेवानिवृत्ति के उपरांत भी उनका निरंतर मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा। उनका निधन शिक्षा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि ईश्वर गिरिधारी राम गोंझू की आत्मा को चिरशांति प्रदान करें।

गिरिधारी राम गौंझू ने विरासत और पहचान को सहेजा : हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. गिरिधारी राम गौंझू के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की नागपुरिया संस्कृति, नृत्य, गीतों पर किताब लिखकर उन्होंने स्थानीय विरासत और पहचान को सहेजने का काम किया था। झारखंड उनके योगदान को सदैव स्मरण रखेगा। मुख्यमंत्री ने परमात्मा से उनकी आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को दुख की इस घड़ी को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।

निधन पर जताया शोक

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव ने साहित्यकार, संस्कृति कर्मी व रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष रहे डा. गिरधारी राम गौंझू के निधन पर गहरी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा गौंझू ने कई नागपुरी साहित्य की रचना की और नागपुरी साहित्य को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एक साहित्यकार के रूप में उन्होंने जीवन पर्यंत जल, जंगल, जमीन के लिए संघर्ष किया एवं आदिवासियों और वनों में रहने वाले वनवासियों के अधिकार को लेकर जागरूक करते रहे, कई पुस्तकें भी उन्होंने लिखी। राज्य के लिए गौंझू जी का निधन अपूरणीय क्षति है तो व्यक्तिगत रूप में उन्होंने एक अच्छा साथी खो दिया है।

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