झारखंड: 1470 करोड़ से होगा शहरी निकायों का विकास Ranchi News

Jharkhand. मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि लोन लेना महत्‍वपूर्ण नहीं है। जनता को इसका लाभ मिले यह महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने कट-पेस्‍ट कर रहे कंसल्‍टेंट को काली सूची में डालने को कहा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 16 Sep 2019 02:13 PM (IST) Updated:Mon, 16 Sep 2019 07:50 PM (IST)
झारखंड: 1470 करोड़ से होगा शहरी निकायों का विकास Ranchi News
झारखंड: 1470 करोड़ से होगा शहरी निकायों का विकास Ranchi News

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड म्यूनिसिपल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत 1,470 करोड़ रुपये की लागत से राज्य के शहरी निकायों का विकास होगा। इनमें सड़कों का निर्माण, जलापूर्ति, ड्रेनेज सिस्टम व अन्य आधारभूत संरचनाएं प्रमुख हैं। इसके लिए 70 फीसद राशि अर्थात 1,029 करोड़ रुपये विश्व बैंक से लोन के रूप में प्राप्त हुए हैं। इस राशि से पहले चरण में जहां धनबाद में दो स्मार्ट सड़कों का निर्माण होगा, वहीं खूंटी में जलापूर्ति के लिए 121 किमी तक पाइपलाइन बिछेगी।
सोमवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में इस प्रोजेक्ट को लेकर आयोजित कार्यशाला में इसकी जानकारी देते हुए कहा गया कि सात वर्षों में यह प्रोजेक्ट पूरा होगा, जबकि राज्य सरकार को 22 वर्षों में लोन चुकता करना होगा। नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व बैंक से लोन लेना महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण इस लोन का सदुपयोग करना है, ताकि उसका लाभ जनता को मिल सके। उन्होंने विभाग के वर्तमान सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तो आवश्यकता के अनुसार, विभाग का बजट कम होता है, दूसरे यह राशि भी खर्च नहीं हो पाती।
उन्होंने विभिन्न योजनाओं के लिए बहाल किए कंसलटेंट पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कई कंसलटेंट फील्ड विजिट नहीं करते और घर बैठे ही कट-पेस्ट कर डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बना देते हैं। बाद में पता चलता है कि जहां से पाइपलाइन जानी है, वहां पहले से ही बहुमंजिली इमारत खड़ी है। उन्होंने ऐसे कंसलटेंट की पहचान कर उन्हें काली सूची में डालने तथा इसकी जानकारी दूसरे राज्यों को भी देने का निर्देश दिया, ताकि वहां भी उन्हें काम नहीं मिल सके। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि योजनाओं की गुणवत्ता में किसी प्रकार की समझौता नहीं होना चाहिए। मंत्री ने गुण नियंत्रण विभाग के इंजीनियरों को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि वहां रद्दी माल एक नंबर का हो जाता है।
यूनिक होंगे धनबाद के स्मार्ट रोड
नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा कि धनबाद में बनने वाले दो स्मार्ट रोड यूनिक होंगे। इनमें फोर लेन सड़क के अलावा सर्विस लेन, साइकिल ट्रैक की व्यवस्था रहेगी। कहा, ऐसी सड़कें यूरोप, अमेरिका आदि में बनती हैं। सचिव ने बताया कि निकायों के विकास के लिए तेरह हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है।
इतनी बड़ी राशि लोन से ही पूरी हो सकती है। एशियन बैंक से भी लोन स्वीकृति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इससे पहले, सूडा (राज्य शहरी विकास प्राधिकार) के निदेशक अमीत कुमार ने प्रोजेक्ट के बार में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला को विश्व बैंक की प्रतिनिधि बसुधा थावकर, इन्फ्रा पब्लिक फाइनेंस के निदेशक आनंद माधवन ने भी संबोधित किया।
रांची सहित इन निकायों का भी होगा विकास
झुमरीतिलैया, सिमडेगा, विश्रामपुर तथा रांची का एक जोन भी इस प्रोजेक्ट में शामिल है। दूसरे चरण में इन निकायों के लिए वाटर पाइपलाइन के अलावा रांची नगर निगम में अन्य आधारभूत संरचनाओं का विकास होगा।

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