झारखंड खाद्य आयोग ने गोड्डा में नमक-चीनी के रख रखाव और वितरण में पकड़ी भारी गड़बड़ी

झारखंड राज्य खाद्य आयोग ने गोड्डा में जन वितरण के तहत वितरित किए जाने वाले नमक और चीनी के रख रखाव व वितरण में में गड़बड़ी पकड़ी है और इस बाबत गोड्डा के उपायुक्त से जवाब तलब किया है। खाद्य आयोग के अध्यक्ष ने तमाम बिंदुओं पर जवाब मांगा है।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 10:32 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 10:32 PM (IST)
झारखंड खाद्य आयोग ने गोड्डा में नमक-चीनी के रख रखाव और वितरण में पकड़ी भारी गड़बड़ी
खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने गोड्डा में नमक और चीनी के रखरखाव में अनियमितता पाई है।

रांची, राब्यू। झारखंड राज्य खाद्य आयोग ने गोड्डा में जन वितरण के तहत वितरित किए जाने वाले नमक और चीनी के रख रखाव व वितरण में में गड़बड़ी पकड़ी है और इस बाबत गोड्डा के उपायुक्त से जवाब तलब किया है। खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने गोड्डा के सुंदरपहाड़ी प्रखंड के जेएसएफसी गोदाम में नमक और चीनी के रखरखाव में अनियमितता पाई है। खाद्य आयोग ने गोड्डा उपायुक्त ने तमाम बिंदुओं पर जवाब मांगा है।

उपायुक्त से पूछा गया है कि 2017 के नमक जिसके इस्तेमाल की अवधि दो वर्ष थी, का वितरण अब तक क्यों नहीं किया गया है। इस्तेमाल की अवधि समाप्त होने के बाद भी इसे हटाया क्यों नहीं गया। वर्ष 2020 के नमक का वितरण भी अब तक नहीं किया गया, इतना ही नहीं वितरण योग्य और इस्तेमाल न किए जाने वाले नमक एक साथ रखे गए हैं। आयोग ने उपायुक्त से पूछा है कि आपके द्वारा इस विषय पर कब समीक्षा की गई और आपने क्या कार्रवाई की। चीनी के बाबत भी कुछ ऐसे ही सवाल उठाए गए हैं। आयोग ने पूछा है कि गोदाम में रखी कुछ चीनी खराब हो गई है। खराब चीनी को वितरण केंद्रों में क्यों भेजा गय

अंत्योदय परिवार को ससमय अनुदानित दर पर चीनी नहीं मिल पाने का दोषी कौन है। इन पर क्या कार्रवाई की गई। आयोग ने उपरोक्त अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार पदाधिकारियों-कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने एवं जिले के सभी जेएसएफसी गोदामों का निरीक्षण कराकर नमक एवं चीनी की शेष मात्रा के प्रतिवेदन की मांग की है। आयोग ने राज्य के सभी उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों में नमक एवं चीनी के भंडारण पर ध्यान देने की नसीहत दी है। चीनी व नमक का वितरण समय पर न करने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने को भी आयोग ने कहा है।

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