झारखंड के प्राथमिक शिक्षकों से उनके मैट्रिक व इंटर परीक्षा का ब्‍योरा मांग रहा विभाग, जानें इसकी बड़ी वजह

Jharkhand Hindi News Education News निदेशालय ने रिपोर्ट मांगी है कि कितने शिक्षक किस बोर्ड से उत्तीर्ण हुए। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों से ब्योरा मांगा है। कार्मिक विभाग द्वारा जारी संकल्प लागू करने की कवायद हो सकती है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 09:06 PM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 09:11 PM (IST)
झारखंड के प्राथमिक शिक्षकों से उनके मैट्रिक व इंटर परीक्षा का ब्‍योरा मांग रहा विभाग, जानें इसकी बड़ी वजह
Jharkhand Hindi News, Education News निदेशालय ने रिपोर्ट मांगी है कि कितने शिक्षक किस बोर्ड से उत्तीर्ण हुए।

रांची, राज्य ब्यूरो। अलग राज्य गठन के बाद से अबतक झारखंड में नियुक्त कितने प्राथमिक शिक्षक किस बोर्ड से उत्तीर्ण हैं, इसका ब्योरा इकट्ठा किया जा रहा है। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र लिखकर यह जानकारी मांगी है कि वर्ष 2003 तथा वर्ष 2015-16 में प्राथमिक शिक्षकों की हुई नियुक्ति में कितने शिक्षक किस बोर्ड से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के अवर सचिव अरविंद कुमार सिंह ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र भेजकर मैट्रिक तथा इंटरमीडिएट के लिए अलग-अलग जानकारी देने के लिए कहा है।

इसके तहत कुल नियुक्त शिक्षकों की संख्या के साथ-साथ झारखंड एकेडमिक काउंसिल से मैट्रिक तथा इंटरमीडिएट पास करने वाले और सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड से उत्तीर्ण शिक्षकों की अलग-अलग संख्या उपलब्ध कराने के लिए कहा है। वैसे शिक्षक, जो बिहार बोर्ड या अन्य बोर्ड से मैट्रिक व इंटरमीडिएट उत्तीर्ण हैं, इसकी भी जानकारी मांगी गई है।

पत्र में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इसकी जानकारी क्यों जुटाई जा रही है, लेकिन कयास लगाए जा रहा है कि तृतीय श्रेणी के पदों पर नियुक्ति के लिए सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को झारखंड से ही मैट्रिक व इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करना अनिवार्य किए जाने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति में भी इसे लागू करने की तैयारी हो सकती है।

अल्पसंख्यक स्कूलों में शिक्षकों व कर्मियों की नियुक्ति पर रिपोर्ट तलब

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने राज्य के सभी गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों से शिक्षकों व कर्मियों की नियुक्ति को लेकर निर्धारित प्रारूप में जिला शिक्षा पदाधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। इसके तहत राज्य गठन से लेकर अबतक हुई नियुक्ति तथा उसमें अपनाई गई प्रक्रिया की जानकारी मांगी गई है। ऐसे कर्मियों की भी जानकारी मांगी गई है, जिनकी नियुक्ति विद्यालय सेवा बोर्ड से अनुमोदन नहीं होने के बाद भी की गई। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दो दिनों में रिपोर्ट तलब किया गया है। दरअसल, अल्पसंख्यक स्कूलों में हुई नियुक्ति में नियमों का पालन नहीं होने की बात सामने आ रही है।

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