झारखंड का आर्थिक सर्वेक्षण पेश, जीएसडीपी में 6.7 फीसद वृद्धि का अनुमान

Jharkhand Economic Survey झारखंड की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2019-20 में स्थिर एवं प्रचलित मूल्य पर क्रमशः 57863 तथा 79873 होने का अनुमान लगाया गया है। वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय में स्थिर मूल्य पर 5.2 फीसद तथा प्रचलित मूल्य पर 9.2 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 03:22 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 04:40 PM (IST)
झारखंड का आर्थिक सर्वेक्षण पेश, जीएसडीपी में 6.7 फीसद वृद्धि का अनुमान
Jharkhand Economic Survey कल 3 मार्च को बजट पेश किया जाएगा।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Jharkhand Economic Survey झारखंड राज्‍य का आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश कर दिया गया है। आज मंगलवार को बजट से एक दिन पूर्व सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। कल 3 मार्च को बजट पेश किया जाएगा। झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण-2020-21 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 6.7 फीसद वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। वहीं, झारखंड की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2019-20 में स्थिर एवं प्रचलित मूल्य पर क्रमशः 57,863 रुपये तथा 79,873 रुपये होने का अनुमान लगाया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय में स्थिर मूल्य पर 5.2 फीसद तथा प्रचलित मूल्य पर 9.2 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है।

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, कोरोना ने देश के बाकी हिस्सों की तरह झारखंड की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य के जीएसडीपी, स्थिर मूल्य में 6.9 फीसद तथा प्रचलित मूल्य में 3.2 फीसद तक संकुचन की संभावना सर्वेक्षण में व्यक्त की गई है। राज्य की अर्थव्यवस्था के तीन प्रमुख क्षेत्रों में तृतीयक क्षेत्र में 2019-20 में सबसे अधिक 7.9 फीसद वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। इसमें होटल, रेस्टोरेंट, संचार एवं प्रसारण सेवा, रियल एस्टेट आदि आते हैं।

राज्य सकल घरेलू मूल्यवर्धन में 2019-20 में तृतीयक क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ी है, जबकि अन्य में कम हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले वर्ष की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में लगभग 29 फीसद अधिक राजस्व प्राप्ति का अनुमान है तथा पूंजीगत प्राप्तियां लगभग 10 फीसद कम होने का अनुमान है। राज्य का कुल व्यय वर्ष 2014-15 में 40 हजार करोड़ रुपये था जो 2019- 20 में बढ़कर लगभग 70 हजार करोड़ रुपये हो गया। चालू वित्तीय वर्ष में कुल खर्च लगभग 86 हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

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