झारखंड के मुख्य सचिव का निर्देश, 25 मई तक सभी कर्मचारियों के लंबित वेतन का करें भुगतान
Jharkhand News Hindi Samachar मुख्य सचिव ने कहा कि किसी को वेतन अथवा मानदेय से वंचित नहीं करें। पीत पत्र के माध्यम से सभी सचिवों और विभागीय प्रमुखों को उन्होंने आगाह किया है। कहा कि फंड की कमी हो तो अनुमति प्राप्त करें।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News, Hindi Samachar झारखंड सरकार ने तमाम विभागों में कुछ कर्मियों को महीने-दो महीने से वेतन नहीं मिल पाने की सूचनाओं को गंभीरता से लिया है। इस संदर्भ में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने सभी विभागीय प्रमुखों को पीत पत्र के माध्यम से कहा है कि संक्रमण के इस दौर में किसी को भी वेतन से वंचित नहीं रखा जाए। उन्होंने 25 मई तक सभी को बकाया वेतन का भुगतान करने के निर्देश के साथ ही इसके लिए आवश्यक कार्रवाइयों को पूरा करने को भी कहा है।
उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि अगर विभाग में फंड की कमी हो तो इसके लिए संबंधित अधिकारी से अनुमति प्राप्त कर लें। अगर किसी पदाधिकारी के नहीं होने के कारण मामला लटक रहा हो और यदि कर्मियों से संबंधित अवधि विस्तार पर निर्णय अटका हुआ हो तो इसपर भी विचार कर लें। उन्होंने शीघ्रता दिखाते हुए विभागीय प्रमुखों को निर्णय लेने का आदेश दिया है। मुख्य सचिव ने लिखा है कि मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह जानकारी आई है कि कुछ नियमित कर्मियों, डेली वेजेज कर्मियों और कुछ मामलों में संविदा कर्मियों को विगत एक-दो माह से वेतन अथवा मानदेय नहीं मिल पा रहा है।
ऐसे लोगों को बिना देर किए वेतन उपलब्ध कराने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश सीएम ने दिया है। अधिकारियों को वेतन भुगतान की राह में आ रही बाधाओं को दूर करने का भी निर्देश दिया गया है। पत्र के अनुसार आवंटन की कमी के कारण वेतन नहीं मिल पाने की स्थिति में सचिव का आदेश ही काफी है। कर्मी अथवा कर्मियों के मामले में अवधि विस्तार से संबंधित आदेश लंबित होने की स्थिति में सक्षम अधिकारी से तत्काल अनुमति लेने को कहा गया है।
इसके अलावा कुछ मामलों में विभागीय प्रमुखों के नहीं होने की स्थिति में भुगतान नहीं होने की बात सामने आई है। ऐसे मामलों में किसी को अतिरिक्त प्रभार देकर काम कराए जाने की बात उन्होंने पत्र में लिखी है। अंत में मुख्य सचिव ने किसी भी हाल में 25 मई 2021 तक लंबित वेतन अथवा मानदेय का भुगतान कर देने का निर्देश अधिकारियों को दिया है।