कांग्रेस की बड़ी पहल, ग्रामीणों की जमीन की रसीद कटवाने में करेगी मदद; सभी जिलों में पर्यवेक्षक नियुक्‍त

Jharkhand Congress झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर सभी अंचल कार्यालयों में दो दिन शिविर लगाकर ग्रामीणों से आवेदन प्राप्त कर सभी का काम कराने का निर्देश दिया गया है। पार्टी के स्‍तर से जिलों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 01:13 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 04:26 PM (IST)
कांग्रेस की बड़ी पहल, ग्रामीणों की जमीन की रसीद कटवाने में करेगी मदद; सभी जिलों में पर्यवेक्षक नियुक्‍त
सभी जिलों में पर्यवेक्षक नियु‍क्‍त किया गया है।

रांची, राज्य ब्यूरो। पूरे प्रदेश के विभिन्न अंचलों में जमीन संबंधी रिकॉर्ड में गड़बड़ि‍यों को दूर कराने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ता ग्रामीणों की मदद करेंगे। इस अभियान के सफल संचालन के लिए पार्टी ने सभी जिला इकाइयों में पर्यवेक्षक भी नियुक्त कर दिए हैं जो राज्य मुख्यालय से संवाद करेंगे। अंचल कार्यालयों में जमीन संबंधी काफी समस्याएं हैं, जैसे कि दाखिल-खारिज कराना, पंजी-02 को अद्यतन कराना एवं अन्य भूमि विवाद से संबंधित मामले ग्रामीणों के लिए दुरूह कार्य हैं। प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर सभी अंचल कार्यालयों में दो दिन शिविर लगाकर ग्रामीणों से आवेदन प्राप्त कर सभी का काम कराने का निर्देश दिया गया है।

पार्टी ने प्रखंड से लेकर जिलाध्यक्षों तक को इस काम में लगाया है। इसके अलावा पर्यवेक्षकों की भी पार्टी के स्तर से नियुक्ति की गई है। मनोनीत पर्यवेक्षकों में रांची जिला (ग्रामीण) में रजी अहमद, रांची जिला महानगर में विजय यादव, खूंटी में सतीश पॉल मुंजनी, धनबाद में अजय सिन्हा, बोकारो में पंकज मिश्रा, पूर्वी सिंहभूम में अमरेन्द्र कु. सिंह, प. सिंहभूम में ज्योतिष कुमार, सरायकेला-खरसांवा में मनमोहन प्रसाद शामिल हैं। यह जानकारी कार्यकारी अध्यक्ष संजय लाल पासवान ने दी है।

भाजपा को लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं पर विश्वास नहीं : कांग्रेस

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, राकेश सिन्हा और कुमार राजा ने मंगलवार को कहा कि बाबूलाल मरांडी प्रकरण में हाई कोर्ट के फैसले से दूध का दूध और पानी का पानी स्पष्ट हो गया है। इस फैसले से यह भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा और उसके नेताओं का लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं पर से विश्वास पूरी तरह से उठ चुका है।

जो व्यक्ति भाजपा के विरोध में चुनाव लड़कर और जीतकर आया हो, उसे उसे ही विधायक दल का नेता बनाने के लिए भाजपा इतनी अधीर हो चुकी है कि संवैधानिक संस्थाओं को अदालत में चुनौती देने लगी है। कल तक भाजपा जिन्हें फ्यूज बल्ब बताने में व्यस्त थी, आज उनसे ही झारखंड को रोशन करना चाहती है। विधानसभा ट्रिब्यूनल में विचाराधीन मामले में फैसला आने तक उन्हें धैर्य रखना चाहिए। 

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